अनूप नारायण सिंह
आरा। बैंक से 2 से 3 करोड़ रूपए लोन लेकर आरा में कई युवाओं ने राइस मिल की स्थापना की सरकार की नीति नियम के तहत उन्हें भरोसा था कि वे अपने लोन को तो समय पर चुकता ही नही करेंगे बल्कि स्थानीय स्तर पर कई लोगों को रोजगार देंगे सब कुछ सामान्य चल रहा था इसी बीच सरकार ने आरा समेत पूरे बिहार में राइस मिलों को अरवा चावल के निर्माण पर रोक लगा दिया बाद में हो-हल्ला होने पर आरा को छोड़कर बाकी जगह के लिए आदेश निकला कि राइस मिल प्रबंधक अरवा चावल का भी उत्पादन करेंगे पर आरा के जिलाधिकारी ने सरकार को गलत सूचना देकर आरा के राइस मिलों में अरवा चावल के निर्माण पर रोक लगा दी अब स्थिति यह है कि जो राइस मिल के संचालक है घाटे में जा रहे हैं उन्हें डर सता रहा है कि समय पर नहीं लोन लौटाएंगे तो जेल की हवा खानी पड़ेगी बिहार में बाहर के राज्यों से उसना अरवा चावल आ रहा है सरकार भी बांटने के लिए पंजाब से थोक में अरवा चावल मांगा रही है। इसी मुद्दे को लेकर 1फरवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू होने जा रहा है यह अपने आप में एक ऐसा जन आंदोलन होगा जो सरकार के नीति नियम के तहत ही एक आला अधिकारी की गलत बयानी के कारण हजारों लोगों को भुखमरी के कगार पर पहुंचाने वाले काले कानून के विरोध में होगा।