गणतंत्र दिवस हर भारतीय लोंगो के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। गणतन्त्र दिवस 26 जनवरी दिन शक्रवार को मनाया जाएगा। हमारा भारत एक महान देश है और सिर्फ भारत की ही विविधता में एकता देखने को मिलती है और लोंगो में नजर भी आती है। जहां विभिन्न जाति और धर्म के लोग एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। हमारे भारत में केवल 26 जनवरी और 15 अगस्त दो एक ऐसे दिन है जो राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाए जाते हैं। जिन्हें हर भारतीय खुशी और उत्साह के साथ मनाता है।भारत के सभी नागरिक इस वर्ष 74 वें गणतंत्र दिवस को मनाने के लिए तैयार है। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 से हर वर्ष मनाया जाता रहा है। देश का संविधान प्रभाव में आया यह देश के तीन राष्ट्रीय छुट्टियों में से एक है। दूसरे दो स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती हैं जो हर साल 15 अगस्त और 2 अक्टूबर को क्रमशः मनाया जाता है।गणतन्त्र दिवस भारत देश का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई० एन० सी०) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है, अन्य दो स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती हैं।26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय राष्ट्र ध्वज को फहराया जाएगा और इसके बाद सामूहिक रूप में खड़े होकर राष्ट्रगान गाया जाएगा। गणतंत्र दिवस को पूरे देश में विशेष रूप से भारत की राजधानी दिल्ली में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर के महत्व को चिह्नित करने के लिए हर साल एक भव्य परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन (राष्ट्रपति के निवास) तक राजपथ पर राजधानी, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इस भव्य परेड में भारतीय सेना के विभिन्न रेजिमेंट, वायुसेना, नौसेना आदि सभी भाग लेंगे। इस समारोह में भाग लेने के लिए देश के सभी हिस्सों से राष्ट्रीय कडेट कोर व विभिन्न विद्यालयों से बच्चे आएंगे।समारोह में भाग लेना एक सम्मान की बात होती है। परेड प्रारंभ करते हुए प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति (सैनिकों के लिए एक स्मारक) जो राजपथ के एक छोर पर इंडिया गेट पर स्थित है पर पुष्प माला डालते हैं। इसके बाद शहीद सैनिकों की स्मृति में दो मिनट मौन रखा जाता है। यह देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए लड़े युद्ध व स्वतंत्रता आंदोलन में देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों के बलिदान का एक स्मारक है। इसके बाद प्रधानमंत्री, अन्य व्यक्तियों के साथ राजपथ पर स्थित मंच तक आते हैं, राष्ट्रपति बाद में अवसर के मुख्य अतिथि के साथ आते हैं।