संवाद
पटना: बिहार के शिक्षामंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर के राचरितमानस पर दिए बयान पर चल रहे विवाद पर सीएम नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. समाधान यात्रा पर अरवल पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि फालतू की बातों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. हमलोग सभी धर्मो और उनकी परम्पराओं का सम्मान करतें हैं. सीएम ने कहा कि इस मुद्दे पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी बोल चुकें हैं. इसलिए अब इस मुद्दे को अब ज्यादा खींचना नहीं चाहिए.
नीतीश कुमार ने कहा है कि सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए और धर्म को लेकर किसी तरह का न तो विवाद करना चाहिए और ना ही उसपर कुछ बोलना चाहिए. हमारा शुरू से मानना रहा है कि कोई किसी भी धर्म को मानने वाला हो, उसमें किसी तरह की दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस ढंग से भी लोग धर्म का पालन करते हैं, पालन करें. सभी धर्मों की इज्जत होनी चाहिए और इसमें किसी तरह से हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. सीएम ने साफ तौर कर कहा कि जिसको जो मन करे वह करे, जिस भगवान की पूजा करनी है करे लेकिन इन सब चीजों पर कुछ नहीं बोलना चाहिए.
इसके साथ ही सीएम नीतीश कुमार ने कई अन्य मुद्दो पर भी अपनी बेबाक राय रखी. सीएम ने कहा कि उनके मन में जो विचार और योजना बिहार को लेकर थी, उसको धरातल पर उतारने की कोशिश इतने सालों में की. अब इस समाधान यात्रा के तहत एक तरफ वे पुरानी योजनाओं का निरीक्षण कर रहें हैं और लोगों से फीडबैक ले रहें हैं. वहीं दूसरी ओर वे ये देखने की कोशिश कर रहें हैं कि इन इलाकों में और क्या किया जा सकता है. सीएम ने कहा कि घूम घूम कर विकास का जायजा ले रहे हैं. जीविका दिदियों को देखिए, सभी अच्छा कर रही हैं.
इससे पहले शिक्षा मंत्री के विवादित बय़ान पर महागठबंधन में मचे घमासान पर तेजस्वी यादव ने दोहराया कि उनके पिता एवं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और जदयू के शीर्ष नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच बेहतर तालमेल हैं और दोनों महागठबंधन के शीर्ष नेता हैं, इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था कि दोनों पक्षों में से किसी ने क्या कहा. तेजस्वी यादव ने कहा कि संविधान में सभी धर्मों के लिए समान सम्मान की बात है. हमारे लिए संविधान एक पवित्र पुस्तक की तरह है, लेकिन ऐसे मुद्दों पर बहस करने से गरीबी, बेरोजगारी जैसी समस्याओं को हल करने में कोई मदद नहीं मिलेगी.
बता दें कि बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विवादित बयान को लेकर जेडीयू हमलावर बना हुआ है. जेडीयू की तरफ से सबसे पहले मंत्री अशोक चौधरी ने मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ मोर्चा खोला था. अब कई नेता सामने आ रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि चाहे सुधाकर सिंह हों या चंद्रशेखर इन नेताओं पर कार्रवाई नहीं होना राजद के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़ा करता है. वे मौन हैं तो इसका कारण क्या है. वहीं जदयू नेताओं के बयानबाजी पर तेजस्वी यादव ने भी जवाब दिया है.