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तुम मेरी शहादत पर आंसू मत बहाना, शहीद NSG कमांडो दीपक कुमार की पत्नी बोली-मैं वीर की पत्नी, उन्हें मेरा सैल्यूट

अनूप नारायण सिंह 


लद्दाख के लेह में शहीद हुए बिहार के गोपालगंज के रहने वाले एनएसजी कमांडो दीपक कुमार आज पंचतत्व में विलीन हो गये. उनको गार्ड ऑफ ऑनर देकर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. उनके अंतिम विदाई के समय हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. चारों तरफ ‘शहीद दीपक अमर रहे’, ‘भारत माता की जय’, ‘जब तक सूरज चांद रहेगा दीपक के तेरा नाम रहेगा’, के नारों से पूरा महौल गुंजायमान हो उठा. वहीं वहीं शहीद दीपक की पत्नी माधुरी ने कहा कि मेरे पति मरे नहीं हैं शहीद हो गए हैं. उनके शहादत को सैलूट है.

दरअसल लद्दाख के लेह में शहीद हुए एनएसजी कमांडो दीपक कुमार का पार्थिव शरीर जब तिरंगे में लिपटकर भुड़कुंइया गांव पहुंचा तो हर किसी की आंखे नम हो गईं. मां अपने वीर सपूत को ऐसे हाल में देखकर बदहवाश थी. वहीं बेटे के शरीर को ताबूत में देखकर पिता की आंखें छलछला उठी थीं. शहीद एनएसजी कमांडो दीपक सिंह के पार्थिव शरीर को देखकर हर कोई गम में डूबा हुआ था. लेकिन उनकी पत्नी उस वक्त उनकी वीरता को सलाम कर रहीं थीं. अपने पति की कही एक एक बात उनके कानों में गूंज रही थीं. उनके आंसू ‘यादों का रूप’ लेकर आंखों से निकल रहे थे. रुंधे कंठ से कह रहीं थीं मेरे पति मरे नहीं वो तो अमर हो गए.

शहीद एनएसजी कमांडो दीपक सिंह की पत्नी माधुरी ने आंसू पोंछते हुए अपने वीर पति की शहादत को सलाम किया. उन्होंने कहा कि मुझे अपने पति पर गर्व है. ये नसीब सबकी किस्मत में नहीं होता. मैं अपनी बेटी को अपने पति जैसा बनाऊंगी. पंचतत्व में विलीन हुए शहीद दीपक अपनी गर्भवती पत्नी से कहा करते थे तुमसे पहले मेरा देश और देश से किया वादा निभाना है. कभी मेरे साथ ऐसा हो तो तुम मेरी शहादत पर आंसू मत बहाना.

शहीद दीपक की 2 महीने की गर्भवती पत्नी माधुरी ने कहा कि मैं दो माह की गर्भवती हूँ और दो साल की एक बेटी है. मैंने अपने पति को देश के लिए कुर्बान कर दिया, अब हमारा क्या होगा? मेरा कोई सहारा नहीं है. मैं अपने बच्चो को उन्ही के जैसा बनाना चाहती हूं. वहीं शहीद की पत्नी ने कहा कि मैं एक वीर की पत्नी हूं, शहीद दीपक सिंह को मेरा सैल्यूट है. उनको मेरा नमन है. मेरे पति देश की सेवा करते-करते शहीद हो गए. उन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. मैं उनकी इकलौती बेटी को भी उन्हीं के मार्ग में चलने के लिए प्रेरित करूंगी.

बता दें कि चार जनवरी की सुबह लद्दाख के लेह में भारी बर्फबारी हो रही थी. कैंप से कार चलाकर प्रहलाद सिंह के पुत्र दीपक सिंह ट्रेनिंग कैंप जा रहे थे, उनके साथ चार अन्य जवान भी कार में सवार थे. अचानक बर्फबारी की वजह से कार दुर्घटनाग्रस्त हो गयी गहरे खाई में जा गिरी, जिसमें दीपक सिंह की मौत हो गई थी. देश का लाल दीपक कुमार सिंह आज पंचतत्व में विलीन हो गये. उनको गार्ड ऑफ ऑनर देकर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. एनएसजी कमांडो के अधिकारियों व कमांडो फोर्स ने उन्हें सलामी दी. इसी दौरान शहीद दीपक की पत्नी माधुरी ने भी अपने पति को अंतिम सलाम किया. उनके अंतिम बिदाई के समय हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. चारों तरफ ‘शहीद दीपक अमर रहे’, ‘भारत माता की जय’, ‘जब तक सूरज चांद रहेगा दीपक के तेरा नाम रहेगा’, के नारों से पूरा महौल गुंजायमान हो उठा.

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