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पटना: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह के द्वारा रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान के बाद बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है. इसको लेकर जदयू और राजद आमने-सामने है. जदयू जहां प्रोफ़ेसर चंद्रशेखर को रामचरितमानस पर बोलने को लेकर नसीहत दे रही है. वहीं राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह शिक्षा मंत्री का समर्थन कर रहे हैं. जिसके बाद से महागठबंधन में उलझन बढ़ गयी है. आज जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से जब इस मामले पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि महागठबंधन का मतलब ये नहीं कि हम उस पार्टी पर नियंत्रण रखें. हमने अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है.
दरअसल ललन सिंह से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर कार्रवाई को लेकर सवाल किया गया था. जिस पर ललन सिंह ने कहा कि महागठबंधन का मतलब ये नहीं कि हम उस पार्टी पर नियंत्रण रखें. हमने अपना स्टैंड बता दिया है. जदयू अध्यक्ष ने कहा कि सारी पार्टियों का जिम्मा हम थोड़े ही लेंगे. गठबंधन का मतलब ये थोड़े ही होता है कि हम उस पार्टी का नियंत्रण कर रहे हैं. उस पार्टी का नेतृत्व फैसला लेगा. हम सभी धर्मों की भावना का सम्मान करते हैं. हम ऐसे किसी भी बयान का विरोध करते हैं जो किसी की धार्मिक भावना को आहत करे. ललन सिंह ने कहा कि इस मामले में आरजेडी नेतृत्व को ही फैसला करना है.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने एक बार फिर बीजेपी को बड़का झूठा पार्टी बताया. ललन सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के किसी भी नेता में साहस नहीं है कि वह जनता को बताए कि 8 साल में उन्होंने कौन-कौन से काम किए हैं. वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं पर सवाल खड़े करते हुए पूरी केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.
बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने, समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया था. जिसके बाद उनके इस बयान पर बवाल मचा हुआ है. शिक्षा मंत्री के बयान के बाद से जेडीयू लगातार आरजेडी और शिक्षा मंत्री पर हमलावर है. अशोक चौधरी, उपेंद्र कुशवाहा, नीरज कुमार के बाद संजीव सिंह ने भी हमला बोला. वहीं जदयू के कई नेता शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कह रहे हैं. कुल मिलाकर इस मुद्दे को लेकर आरजेडी मंत्री के साथ है, लेकिन जेडीयू उनका समर्थन नहीं कर रही है.