जनता दल यूनाइटेड के पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने सेना की तुलना गाजर से करने पर विवाद खड़ा कर दिया है.
रविवार को नवादा में इदारा-ए-शरिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे बलियावी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि अगर उन्हें पाकिस्तानी आतंकवादियों से निपटने में डर लगता है, तो सरकार को सेना में 30% मुस्लिम युवाओं की भर्ती करनी चाहिए उनका मुकाबला करने के लिए.
वे कहते हैं कि मैंने संसद में भी यह कहा है और प्रधानमंत्री को यह बताना चाहूंगा कि लोहा लोहे को काटता है और लोहे को गाजर नहीं काट सकती. अगर सरकार पाकिस्तानी आतंकवादियों से निपटने में डरती है, तो उसे 30% मुस्लिम बच्चों को सेना में शामिल करना चाहिए. हम जानते हैं कि हमें अपने देश को बचाने के लिए क्या करना है.
बलियावी ने आगे योग गुरु बाबा रामदेव पर मुसलमानों के खिलाफ हाल ही में किए गए विरोध के लिए निशाना साधा और कहा कि मुस्लिम कौम से आने वाले एपीजे अब्दुल कलाम थे जिन्होंने पाकिस्तान की परमाणु क्षमताओं का करारा जवाब दिया.
उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान अपनी परमाणु मिसाइलों से भारत को धमकी दे रहा था तो नागपुर का कोई संत उन्हें जवाब देने नहीं गया. यह एक मुस्लिम के बेटे एपीजे अब्दुल कलाम थे जिन्होंने पाकिस्तान को जवाब दिया.
अब ये कोई पहली बार नहीं है जब सेना को लेकर नेताओं द्वारा इस प्रकार का बयान दिया गया हो. सेना ने तो हर बार खुद को जाति-धर्म से दूर रखा है और किसी भी तरह की राजनीति में फंसने की कोशिश नहीं की है.