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नकल के खिलाफ योगी सरकार की सख्ती से डरे माफिया, साढ़े 6 लाख छात्रों ने छोड़ी परीक्षा बोर्ड परीक्षा

संवाद 

उत्तर प्रदेश में इन दिनों हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं। इस बार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसी भी कीमत पर परीक्षाओं में नकल न होने देने के लिए सख्त रवैया अपना रही है।

बोर्ड परीक्षाओं को नकलविहीन कराने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। छात्रों की तरह कक्ष निरीक्षक भी परीक्षा के दौरान मोबाइल, कैलकुलेटर या ऐसे किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग नहीं कर सकेंगे। 

इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों के इस्तेमाल से सरकार परीक्षा केंद्रों, अधीक्षकों और कक्ष निरीक्षकों पर कड़ी नजर रख रही है। इस का असर ये है कि कड़े ऐक्शन के कारण पिछले हफ्ते भर में लगभग 6.5 लाख छात्रों ने परीक्षाएं छोड़ दी हैं। परीक्षा छोड़ने वालों में सिर्फ मंगलवार को ही 1.7 लाख हाईस्कूल छात्रों ने गणित की परीक्षा नहीं दी।

सख्ती का आलम ये है कि उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया है। अब तक धोखाधड़ी में कथित संलिप्तता के चलते प्रदेश भर में 14 सॉल्वर गैंग और कई अन्य नकल माफियाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

बता दें कि परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू होकर तीन मार्च तक यानी कुल 12 दिन चलेंगी। इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 16 फरवरी से 4 मार्च तक यानी 14 दिन तक चलेंगी। इस बार राज्य सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें नकल करने वालों पर रासुका की कार्रवाई से लेकर केंद्र व्यवस्थापकों के खिलाफ एफआईआर तक की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। 

सभी परीक्षा केंद्रों पर लगभग 1.43 लाख परीक्षा कक्षों और परिसर में लगभग तीन लाख वॉयस रिकॉर्डरयुक्त सीसीटीवी कैमरे, डीवीआर राउटर डिवाइस और हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन की व्यवस्था की गई है। इस बार हाईस्कूल परीक्षाओं के लिए 31 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं एवं इंटर मीडिएट परीक्षाओं में 27 लाख छात्र-छात्राएं पंजीकृत हुए हैं। 

एक सरकारी बयान के मुताबिक लखनऊ से परीक्षा की निगरानी की जा रही है। इसके लिए दो कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं जो प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर वेब कास्टिंग के जरिए 'लाइव मॉनीटरिंग' कर रहे हैं। 

इन दोनों कंट्रोल रूम से प्रत्येक मंडल से लेकर प्रत्येक जिला और प्रत्येक परीक्षा केंद्र तक पर नजर रखी जा रही है। ऑनलाइन मॉनीटरिंग के दौरान जिन विद्यालयों में कोई अव्यवस्था आ रही है, उसके लिए तत्काल प्रभाव से नोडल अधिकारी की ओर से संबंधित परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक से संपर्क किया जा रहा है।

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