संवाद
बिहार में इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं. करीब 13 लाख परीक्षार्थी बोर्ड एग्जाम में शामिल हो रहे हैं. ऐसे में कई बच्चे हैं जो पहली बार परीक्षा देने शहर आ रहे हैं. ऐसी ही एक परीक्षार्थी है रूमा, जिसकी मां उसे हर दिन 40 किमी दूर ट्रेन से परीक्षा दिलवाने लाती है और शाम को वापिस लेकर जाती है.
हर अभिभावक का सपना होता है की उसके बच्चे पढ़-लिख कर सफलता की ऊंचाईयां छुएं. ऐसी ही एक अनपढ़ मां अपनी बेटी को ऑफिसर बनाने का सपना संजोए सुदूर गांव से रोज एग्जाम सेंटर तक लेकर आती है. सकीला देवी खुद अनपढ़ हैं लेकिन बेटी को अफसर बनाने का सपना लिए प्रतिदिन ट्रेन से 40 किलोमीटर की दूरी तय कर ढोली सकरा गांव से अपनी बेटी रूमा को लेकर परीक्षा केंद्र आती हैं.
सकीला परीक्षा खत्म होने तक एग्जाम सेंटर के बाहर ही बैठकर रूमा का इंतजार करती हैं. इसके बाद शाम को वह बेटी को लेकर वापस जाती हैं. सकीला देवी ने आजतक से बातचीत में बताया की वह अनपढ़ हैं, लेकिन बेटी को पढ़ाकर ऑफिसर बनाएंगी. इसीलिए वह बेटी को रोज खुद से परीक्षा दिलवाने लेकर आती हैं. उनका सपना है की बेटी पढ़ लिखकर ऑफिसर बने.