मंगलवार को असम सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर देश का छठा ज्योतिर्लिंग असम में होने का दावा किया है। असम सरकार के विज्ञापन में दावा किया गया है कि भीमाशंकर नाम का भारत का छठा ज्योतिर्लिंग उसके प्रदेश में डाकिनी पहाड़ी पर मौजूद है।
असम सरकार के इस दावे की महाराष्ट्र में विपक्ष ने खूब आलोचना की। दरअसल, माना जाता है कि महाराष्ट्र के पुणे में भीमाशंकर के समीप स्थित ज्योतिर्लिंग छठा ज्योतिर्लिंग है।
वही यह विज्ञापन असम सरकार द्वारा मंगलवार को जारी किया गया था। असम राज्य द्वारा किए गए इस दावे को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। असम के पर्यटन विभाग के इस ऐलान के पश्चात् अब राज्य सरकार की तीखी आलोचना की जा रही है।
महाराष्ट्र कांग्रेस ने इस पर आपत्ति लेते हुए शताब्दियों से हिंदू आस्था के केंद्र रहे ज्योतिर्लिंग को चोरी करने का आरोप असम की भाजपा सरकार पर लगाया है। पार्टी नेता सचिन सावंत ने कहा है कि अब तक भाजपा शासित दूसरे राज्य की सरकारें महाराष्ट्र के निवेशक चुरा रही थीं, अब तो धार्मिक केंद्र चुराने का प्रयास किया जा रहा है।
वहीं भीमाशंकर देवस्थान के मुख्य पुजारी मधुकर शास्त्री गावंडे ने बोला कि असम सरकार जो कहती है उस पर किसी को भरोसा नहीं करना चाहिए।
वही कांग्रेस के महासचिव सचिन सावंत ने ट्वीट किया, 'उद्योगों को छोड़ दें तो भाजपा अब महाराष्ट्र से महादेव को भी छीनना चाहती है। अब, भाजपा असम सरकार का दावा है कि भीमाशंकर का छठा ज्योतिर्लिंग असम में स्थित है न कि महाराष्ट्र के पुणे जिले में। हम इस बेतुके दावे की कड़ी निंदा करते हैं।'
साथ ही सावंत ने मांग की कि महाराष्ट्र सरकार को अपना रुख साफ़ करना चाहिए तथा भाजपा सरकार की इस कार्रवाई की निंदा करनी चाहिए, जिसने महाराष्ट्र के 12 करोड़ व्यक्तियों की भावनाओं एवं भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र के खिलाफ भाजपा की नाराजगी एक बार फिर दिखाई दे रही है।'