संवाद
दरभंगा। रजवाड़ा में पुलिसिया तांडव की शिकार व दरभंगा जेल में बंद अनीता देवी की मौत पुलिस-प्रशासन व जेल प्रशासन की हत्यारी लापरवाही का परिणाम हैं। रजवाड़ा कांड में हुए मुकदमा और उसमें हुई गिरफ्तारी व जेल में हुई लापरवाही की उच्चस्तरीय जांच हो । उपरोक्त बाते आज भाकपा (माले) के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव व इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद ने जेल में रजवाड़ा कांड में बंद विचाराधीन कैदी की मौत पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा। माले नेताओं ने कहा कि अनीता देवी का अतिक्रमण स्थल पर न कोई घर था, घूम फिरकर किसी तरह गुजर-बसर करती थी। जब रजवाड़ा में पुलिस ने लोगों के घर तोड़ा था तब वह देखने गई थी, तो उसको मारते-पीटते घायल करते हुए जेल में बिना इलाज के रखा गया। जेल प्रशासन ने भी उसका इलाज नहीं कराया। रजवाड़ा कांड में जेल में बंद 28 बेकसूर लोग बंद हैं। विदित हो कि घटना की जानकारी मिलते ही भाकपा (माले) राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार, शनिचरी देवी, इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, शिवन यादव, हरिराम सहनी आदि ने डी एम सी एच ने जाकर उसके परिजनों से मुलाकात किया और घटना की पूरी जानकारी भी लिया। माले नेताओं ने कहा कि अनीता देवी की मौत के लिए जेल प्रशासन के साथ ही नेहरा ओपी के तत्कालीन थानाध्यक्ष, बेनीपुर डी एस पी और सीईओ को जवाबदेह बनाते हुए उन सभी पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाय। भाकपा (माले) जिला कार्यालय में अनीता देवी की मौत पर वरिष्ठ नेता आर.के. सहनी की अध्यक्षता में बैठक करके श्रद्धांजलि दिया गया।