राजनीति में संभावनाएं कभी समाप्त नहीं होती एक जन नेता जनता की सेवा में सदैव तत्पर रहता है चुनाव हारना जीतना लोकतंत्र की खूबसूरती हैं। चुनाव हारने के बाद ज्यादा मजबूती के साथ क्षेत्र के विकास के लिए तत्पर हूं यह कहना है मसरख के पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह का जो नए परिसीमन के कारण एक बार तरैया से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर तथा दो बार बनियापुर से भाजपा और लोजपा प्रत्याशी के रूप में कड़ी टक्कर के बावजूद चुनाव हार गए पहली बार निर्दलीय चुनाव जीतने वाले तारकेश्वर सिंह ने जीत की हैट्रिक मसरख से लगाई नए परिसीमन के बाद मसरख विलोपित हो गया और उसकी जगह मसरख का आधा से ज्यादा भाग बनियापुर में और पानापुर प्रखण्ड तरैया में शामिल हो गया। कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में तारकेश्वर सिंह ने महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ कर एक लाख मत प्राप्त किया था।उनकी टक्कर के कारण ही महाराजगंज से जदयू उम्मीदवार और निवर्तमान सांसद प्रभुनाथ सिंह को चुनाव हारना पड़ा और यहां से राजद उम्मीदवार स्वर्गीय उमाशंकर सिंह चुनाव जीतने में सफल हुए थे। बातचीत के क्रम में तारकेश्वर सिंह ने कहा कि लोजपा और भाजपा दोनों समान विचारधारा वाले दल सही समय पर सही निर्णय होगा उन्होंने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में वे राजनीतिक साजिश के शिकार हुए भाजपा की सीट थी बनियापुर और वे यहां से सशक्त उम्मीदवार थे अंतिम समय में यह सीट मुकेश साहनी की पार्टी को चली गई और उन्होंने टिकट बेच दिया। बावजूद इसके बनियापुर के 35000 लोगों ने उनके ऊपर विश्वास जताया। महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से चुनावी तैयारी के संदर्भ में उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता मालिक हैं वे मांझी एकमा बनियापुर महाराजगंज गोरियाकोठी और तरैया में अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर चुके हैं। लोकतंत्र में कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है महाराजगंज की बहुसंख्यक जनता चाहती है कि वे महाराजगंज से लोकसभा का चुनाव लड़े तो वह चुनाव जरूर लड़ेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का युग है और इसके अच्छे परिणाम भी हैं कि आप अपने विचारों को आम जनमानस तक सुगमता से पहुंचा सकते हैं।उन्होंने कहा कि सदन से लेकर सड़क तक आम आदमी की लड़ाई लड़ते आए हैं आगे भी लड़ाई जारी रहेगी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संदर्भ में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब वह विधायक थे तो राजद में थे और राजद की सरकार थी कई बार उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के समक्ष कई बेहतर मॉडल रखे पर उन पर अमल नहीं हुआ बाद के दिनों में बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके सुझाए गए मॉडल पर काम किया उन्होंने कहा कि राजनीति में मतभेद हो सकते हैं मनभेद नहीं।