भारतीय रेल में रोजाना करोड़ों लोग यात्रा करते हैं. यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए भारतीय रेल एक ही ट्रेन में कई श्रेणी के डिब्बे लगाकर चलाता है. आमतौर पर एक ट्रेन में फर्स्ट एसी, सेकेंड एसी, थर्ड ऐसी, स्लीपर क्लास और जनरल क्लास के डिब्बे होते हैं. यात्री अपनी-अपनी सुविधा और क्षमता को ध्यान में रखते हुए टिकट खरीदते हैं. जहां धनी लोग फर्स्ट क्लास एसी में सफर करते हैं तो गरीब मजदूर वर्ग जनरल क्लास में यात्रा करते हैं. इसके अलावा कई लोग कम दूरी की यात्रा के लिए भी जनरल क्लास की टिकट खरीद लेते हैं.
जनरल क्लास के डिब्बों में होती है यात्रियों की जबरदस्त भीड़
आमतौर पर जनरल क्लास के डिब्बों में जबरदस्त भीड़ होती है. इसके पीछे दो प्रमुख कारण हैं. पहला तो ये कि इसमें बड़ी संख्या में गरीब-मजदूर वर्ग के लोग सफर करते हैं और ट्रेनों में जनरल क्लास के डिब्बे भी बहुत कम संख्या में ही होते हैं. लिहाजा, यात्रियों की संख्या को देखते हुए डिब्बों की संख्या काफी कम साबित होती हैं और उनमें ज्यादा भीड़ हो जाती है. इसके अलावा इन डिब्बों में कम दूरी वाले लोग भी सफर करते हैं. कई बार जनरल डिब्बों में जबरदस्त भीड़ होने की वजह से यात्री स्लीपर क्लास में चढ़ जाते हैं. जनरल की टिकट खरीदकर स्लीपर क्लास में चढ़ने की कई वजहें हो सकती हैं.
मान लीजिए किसी ट्रेन के जनरल डिब्बे में चढ़ने के लिए यात्रियों की भारी भीड़ लगी है और आप उस भीड़ में सबसे पीछे हैं और ट्रेन के चलने का भी समय हो गया है. इसके अलावा आपको जनरल डिब्बे की भीड़ का अंदाजा न लगाया हो और आपने जनरल का टिकट खरीद लिया हो. ज्यादा भीड़ के कारण जनरल डिब्बों में बैठना तो दूर, खड़े होने की भी जगह नहीं मिलती. इसके अलावा और भी कई वजहें हो सकती हैं, जिसके बाद आप जनरल क्लास की टिकट होने के बावजूद स्लीपर क्लास में चढ़ जाते हैं.
निम्न श्रेणी का टिकट लेकर उच्च श्रेणी में यात्रा करना पड़ सकता है भारी
भारतीय रेलवे के नियमों के मुताबिक यदि आप एक निम्न श्रेणी का टिकट खरीदकर उच्च श्रेणी में सफर करते हैं तो आप दंड के भागी होंगे. ऐसी परिस्थितियों में टीटीई आपसे जुर्माना वसूल सकता है और जुर्माना न देने की स्थिति में आपको जेल भी हो सकती है. अगर आपके पास जनरल क्लास की टिकट है और आप किसी भी वजह से स्लीपर क्लास में चढ़ जाते हैं तो नियमों के मुताबिक टीटीई आपसे जुर्माना वसूल सकता है.
अगर आप भी कभी ऐसी परिस्थितियों में फंस जाएं तो तुरंत टीटीई से संपर्क करें और स्लीपर क्लास में चढ़ने की वजह बताएं. टीटीई को यदि आपके द्वारा बताई गई वजह वाजिब लगी तो वह आपको बिना जुर्माना वसूले भी छोड़ सकता है. लेकिन आपको अगले ही स्टेशन पर वापस जनरल क्लास के डिब्बे में जाना होगा. यदि आप जनरल डिब्बे में नहीं जाना चाहते हैं तो आप टीटीई से स्लीपर क्लास की भी टिकट बनवा सकते हैं.
सिर्फ टीटीई के स्वभाव की वजह से ही बच सकते हैं आप
इस बात का खास ध्यान रखें कि आप जनरल क्लास की टिकट खरीदकर स्लीपर क्लास में यात्रा नहीं कर सकते. यदि आप किसी मजबूरी में भी स्लीपर क्लास में चढ़े हैं तब भी आप ज्यादा दूरी तक स्लीपर क्लास में सफर नहीं कर सकते हैं. यदि आप किसी मजबूरी में जनरल की टिकट खरीदकर स्लीपर में चढ़े हैं तो तुरंत टीटीई से मिलकर अपनी मजबूरी बताएं और आश्वासन दें कि अगले स्टेशन पर आप जनरल डिब्बे में चले जाएंगे. यदि आप टीटीई से छिप-छिप कर स्लीपर में यात्रा करते हैं तो पकड़े जाने पर आपको जुर्माना भरना ही पड़ेगा क्योंकि ऐसे में टीटीई समझ जाएगा कि आप जानबूझकर जनरल की टिकट खरीदकर स्लीपर में चढ़े हैं. यदि आप मजबूरी में स्लीपर क्लास में चढ़े होते तो आप जरूर टीटीई से मिलकर बात करते या अगले स्टेशन पर स्लीपर क्लास से उतरकर वापस जनरल डिब्बे में चले जाते.
ऐसी परिस्थितियों में टीटीई का स्वभाव काफी काम आता है. यदि टीटीई दयालु है और उसे आपकी मजबूरी समझ में आ जाती है तो वह आपको बिना जुर्माना वसूले भी अगले स्टेशन पर जनरल डिब्बे में जाने के लिए कहकर छोड़ सकता है. और यदि टीटीई अपने कर्तव्यों का पक्का हुआ तो वह आपसे जुर्माना भी वसूल सकता है और आप यहां कुछ भी नहीं कर सकते हैं.