संवाद
बिहार पुलिस मुख्यालय के बीचों बीच स्थित इस शिवालय को देख कर हर कोई बस यही समझेगा कि आस्था की वजह से यह मंदिर इस परिसर में मौजूद है. लेकिन हकीकत कुछ और भी है. जब पुलिस मुख्यालय का निर्माण हो रहा था, उस समय नक्शे के मुताबिक मंदिर को तोड़ देने का आदेश था. शिवालय के पुजारी के अनुसार पुलिस भवन बना रही कंपनी के कर्मचारियों ने एक नहीं करीब 10 दिनों तक मंदिर तोड़ने का प्रयास किया. लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी. बाद में तत्कालीन डीजीपी अभयानंद की पहल से नक्शा में बदलाव किया गया. उसके बाद मुख्यालय बना और शिवालय अपने स्थान पर ही रहा.
जानिए शिवालय का इतिहास
शिवालय में शुरुआत से ही पूजा करने वाले पुजारी भोला नाथ तिवारी बताते हैं कि इस जगह पर 1981 में बिहार पुलिस में तैनात वायरलेस कर्मियों का सरकारी आवास था. उन्हीं कर्मियों के आस्था से इस शिवालय की स्थापना महाशिवरात्रि के अवसर पर हुआ. इस शिव मंदिर में बितंतुनाथ महादेव का मनोकामना लिंग मौजूद है. इस शिव मंदिर में जिसने भी सच्ची आस्था के साथ भोलेनाथ से भक्ति की, उसकी सारी मनोकामना पूरी हुई. इस शिवालय के पुजारी ने दर्जनों उदाहरण देते हुए हुए बताया कि भोलेनाथ की कृपा से किसी को संतान की प्राप्ति हुई तो वहीं कई पुलिसकर्मियों का प्रमोशन भी हुआ.