दो दिनों से ठंड और विकराल हो गई है। कुहासे से लिपटी सुबह होती है और धुंध के साथ शाम हो जाती है। दिनभर पछुआ जारी रहने से कनकनी और ज्यादा बढ़ जाती है। सोमवार को भी मौसम इसी तरह रहने का अनुमान है।ठंड कम होने का नाम नहीं ले रही है। रविवार की सुबह दस बजे के आसपास तक कुहासा छाया रहा। कुहासा खत्म होने के बाद बादलों की आवाजाही आसमान में शुरू हो गई जिससे धुंध सा छाया रहा। बादलों के बीच से निकली धूप में तेजी नहीं थी। रही-सही कसर पछुआ हवा पूरी कर रही थी। पछुआ हवा के जोर से धूप और कमजोर पड़ जा रही थी। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होने के बाद ठंड का असर कम होने लगता है लेकिन इस साल ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। मकर संक्रांति के बाद ठंड और जोर पकड़ चुकी है।दिनभर आसमान में बादलों की आवाजाही भले ही बनी रहे लेकिन शाम ढलते-ढलते आसमान साफ हो जाता है। मौसम विभाग के अनुसार रात नौ बजे के बाद आसमान साफ हो जाएगा। जानकारों की माने तो आसमान साफ रहने और हवा की गति मंद रहने से कुहासा और अधिक बढ़ जाता है जो हाल के दिनों में हो रहा है।