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मदनी के समर्थन में आए स्वामी बोले- देश में सबसे पहले बौद्ध और उसके बाद ईसाई, फिर इस्लाम धर्म आया

संवाद 
लखनऊ 12 फरवरी।समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ महमूद मदनी के समर्थन में बयान दिया है। स्वामी प्रसाद मार्य ने मदनी के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि देश में सबसे पहले बौद्ध धर्म आया और उसके बाद ईसाई धर्म तथा फिर इस्लाम धर्म आया और फिर बाकी धर्म पैदा हुए।

आपको बता दें कि मदनी ने कहा था कि भारत ही इस्लाम की जन्मस्थली है।

बौद्ध को बताया सबसे पुराना धर्म

मीडिया से बात करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, 'जो सबसे पुराना धर्म है वही सनातन धर्म है। जो ऐतिहासिक साक्ष्य अब तक आए हैं, ईसा से 250 साल पहले भगवान बुद्ध का धर्म आया, उसके बाद ईसाई धर्म आया, ईस्लाम धर्म आया तथा उसके बाद तमाम धर्म और पंथ पैदा होते गए।' 

इससे पहले शुक्रवार को भारत के 'इस्लाम की जन्मस्थली' होने का दावा करते हुए प्रतिष्ठित मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एमएम समूह) के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने शनिवार को कहा कि अल्लाह के पहले पैगम्बर का जन्म यहीं हुआ था और यह 'मुसलमानों का पहला वतन' है।

आज जमीयत की बैठक का आखिरी दिन

मदनी ने कहा कि अल्पसंख्यकों का आरएसएस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा बहुसंख्यकों से कोई धार्मिक या नस्ली द्वेष नहीं है। उन्होंने देश को महाशक्ति बनाने के लिए संघ प्रमुख भागवत को आपसी बैर और दुश्मनीको भुलाकर एक-दूसरे से 'गले मिलने'का न्योता दिया। 

आपको बता दें कि जमीयत उलेमा -ए-हिंद की दिल्ली में हो रही बैठक का आखिरी दिन है। खबर है कि जमीयत की इस बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ प्रस्ताव पास किया जा सकता है। इस बिल को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। जमीयत की तरफ से सवाल पूछा गया है कि आखिर सरकार इस बिल को लाना ही क्यों चाहती है।

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