समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विरासत में सत्ता तो मिल सकती है मगर बुद्धि को हासिल नहीं किया जा सकता।
बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान श्री योगी ने शनिवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर जम कर प्रहार किये। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में बढते पूंजी निवेश और विकास से नेता प्रतिपक्ष बौखलाये हुये हैं। वह उत्तर प्रदेश के विकास पर गर्व करने के बजाय उसको नकारने को ज्यादा महत्व देते हैं।
उन्होने कहा “ एक विचारक ने सच ही कहा था कि शक्ति देना आसान है मगर बुद्धि देना बहुत कठिन है। सरल भाषा में कहूं तो विरासत में सत्ता तो मिल सकती है मगर बुद्धि नहीं मिल सकती है। वास्तव में नेता विरोधी दल यदि गुस्सा कम कर दे तो अपने कार्यकाल में प्रदेश को तो एकजुट नहीं कर पाये मगर परिवार को एक जुट कर सकते हैं।”
श्री योगी ने कहा कि 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती मे जब सारा देश राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा था, उस समय सपा पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का महिमा मंडन कर रही थी। इनको राष्ट्र को जोडने और तोडने में अंतर पता नहीं है। इसीलिये कहता हूं शक्ति देना आसान है मगर बुद्धि देना मुश्किल है।
रामचरितमानस में एक चौपाई का अंश है “ भय बिनु होय न प्रीति” का उदाहरण के जरिये श्री योगी ने सपा के वरिष्ठ सदस्य शिवपाल की ओर इशारा करते हुये कहा “ सरकार की उपलब्धियों और अपनी पार्टी की घटती लोकप्रियता से डर कर नेता प्रतिपक्ष ने अपने काका श्री को सम्मान दिया है तो इससे बेहतर बात और क्या हो सकती है।
काका श्री को सम्मान मिलना शुरू हो गया है। शिवपाल जी को देख कर महाभारत का दृश्य याद आ जाता है। उन्हे बार बार छला जाता है मगर आपके संघर्षो की कद्र सपा को नहीं है। आप सरल स्वाभाव के हैं। आपको कई बार विषम परिस्थितियों में देखता हूंं। आपको अपना स्वाभिमान बनाये रखना चाहिये।”
इस बीच अखिलेश ने जब शिवपाल की सुरक्षा में कमी की बात कही और कहा कि इतनी चिंता है ताे सुरक्षा को पहले जैसा करना चाहिये, इस पर योगी ने कहा “आपकी सिफारिश मिली है तो इस पर अवश्य विचार होगा और चाचा की सुरक्षा बढा दी जायेगी।”