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मनुस्मृति या रामचरितमानस नहीं, संविधान है कमजोर और उपेक्षित वर्गों का ग्रंथ – मायावती

संवाद 
रामचरितमानस को लेकर जारी विवाद के बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता मायावती ने शुक्रवार को कहा कि देश में कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों का ग्रंथ ‘रामचरितमानस या मनुस्मृति’ नहीं बल्कि ‘भारतीय संविधान’ है. शुक्रवार को कई ट्वीट कर उन्होंने विशेष तौर पर समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा 

मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘देश में कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों का ग्रंथ रामचरितमानस व मनुस्मृति आदि नहीं बल्कि भारतीय संविधान है, जिसमें बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने इनको शूद्रों की नहीं बल्कि एससी, एसटी व ओबीसी की संज्ञा दी है. अतः इन्हें शूद्र कहकर सपा इनका अपमान न करे तथा न ही संविधान की अवहेलना करे.’

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