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महाशिवरात्रि : आज ऐसे करें शिवलिंग काजलाभिषेक, दूर होंगे हर दोष

संवाद 

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन उत्सव को बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। मान्यतानुसार शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन भगवान शिव की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है और साथ ही व्रत उपवास करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने से जातकों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। कहते हैं कि भगवान शिव को एक लोटे जल से प्रसन्न किया जा सकता है और सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन के सारे कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। मान्यता है कि व्यक्ति को कोई भी कष्ट क्यों न हो भोलेनाथ की शरण में जाने से सबसे छुटकारा मिल जाता है।

महाशिवरात्रि व्रत के दिन भारत में अलग-अलग जगहों पर स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा होती है महाशिवरात्रि के दिन जो व्यक्ति बेल के पत्तों से शिव जी की पूजा करता है और रात के समय जागरण कर भगवान के मंत्रों का जप करता है, उसे भगवान शिव आनन्द और मोक्ष प्रदान करते हैं। शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि के खास मौके पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने से हर प्रकार के दोषों से छुटकारा मिलता है और भगवान शिव का हमेशा आर्शीवाद बना रहता है। 

महाशिवरात्रि व्रत के दिन भारत में अलग-अलग जगहों पर स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा का विधान है। आइए आपको बताते हैं शिवलिंग पर जलाभिषेक करने की सामग्री और पूजन विधि....

जलाभिषेक करने के लिए सामग्री
दूध, दही, शहद, घी, चंदन, शक्कर, गंगाजल, बेलपत्र, कनेर, श्वेतार्क, सफेद आखा, धतूरा, कमलगट्टा, पंचामृत, गुलाब, नील कमल, पान, गुड़, दीपक, अगरबत्ती.

शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का सही तरीका

सबसे पहले शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं। इसके बाद पंचामृत चढ़ाएं. फिर दूध, दही, शहद, घी, शक्कर चढ़ा दें और फिर गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद शिवलिंग में चंदन का लेप, बेलपत्र, कनेर, श्वेतार्क, सफेद आखा, धतूरा, कमलगट्टा, गुलाब, नील कमल, पान आदि चढ़ा दें। जलाभिषेक करते समय भगवान शिव के मंत्र या फिर सिर्फ 'ऊं नम: शिवाय' का जाप करते रहें। इसके बाद दीपक, अगरबत्ती जलाकर आरती करें। आरती करने के बाद भगवान शिव के सामने अपनी भूल-चूक के लिए माफी मांग कर इस मंत्र का जाप करें। 
ॐ त्र्यम्बकंयजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात्

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