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भारत के अमेरिका का साझेदार बने रहने और रूस से तेल खरीदने में ‘कोई विरोधाभास’ नहीं : अमेरिका

संवाद 

नई दिल्‍ली : जो बाइडन प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी एवं अमेरिका के ऊर्जा संसाधन मामलों के सहायक विदेश मंत्री ज्योफ्री पैट ने कहा है कि भारत के अमेरिका का एक महत्वपूर्ण साझेदार बने रहने और रूस से सस्ती दरों पर कच्चा तेल खरीदने में ‘कोई विरोधाभास' नहीं है. पैट की इस टिप्पणी को यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से भारत द्वारा सस्ती दरों पर कच्चा तेल खरीदने को लेकर बाइडन प्रशासन के रुख की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जा रहा है. अमेरिका के ऊर्जा संसाधन मामलों के सहायक विदेश मंत्री ज्योफ्री पैट ने कहा कि न्यूनतम कीमत पर कच्चा तेल खरीदने के लिए रूस के साथ कड़ी सौदेबाजी करके भारत तेल से उसके राजस्व को कम करने की जी7 की नीति को आगे बढ़ा रहा है. 

यह पूछे जाने पर कि अगर भारत और रूस द्विपक्षीय कारोबार के लिये रुपया-रूबल तंत्र का उपयोग करते हैं, तो क्या अमेरिका भारतीय बैंकों पर किसी तरह का प्रतिबंध लगायेगा, इस पर अमेरिकी राजनयिक ने किसी तरह का अटकल लगाने से मना किया. उन्होंने हालांकि कहा कि अमेरिकी प्रतिबंध केवल रूस को दंडित करने को लक्षित है. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ऊर्जा सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे पर भारत के साथ सहज है.

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