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सिद्धेश्वरनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारी

संवाद 

मनीगाछी। महाशिवरात्रि को लेकर प्रखंड क्षेत्र के सभी गांवों में अवस्थित महादेव मंदिरों को रंग-रोगन कर रंग-बिरंगे बल्बों से सजाया गया है। टटुआर पंचायत अंतर्गत बिशौल गांव में अवस्थित प्राचीन सिद्धेश्वरनाथ महादेव एवं भंडारिसम पंचायत के मकरंदा गांव स्थित बाबा कुशेश्वरनाथ महादेव मंदिर काफी प्रसिद्ध है। भक्तों का मानना है कि निर्मल मन से बाबा सिद्धेश्वरनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने वालों के मन की मुराद निश्चय ही पूरी होती है। मंदिर में लगे शिलापट्ट के अनुसार नर्मदा कुंड से प्राप्त शिव दंपति व गणेश की मूर्ति के साथ शिवलिंग की स्थापना 1763 शाके की चैत्र शुक्ल दशमी बृहस्पति को महान शिव उपासक एवं अपने समय के प्रकांड विद्वान सिद्धेश्वरनाथ मिश्र ने की। जानकार बताते हैं कि यहां स्थापित तीनों मूर्तियों में से दो मूर्तियां गिरजापति भगवान शिव की सायुज्य मुक्ति की प्राप्ति के लिए तथा तीसरी गणेश की मूर्ति के साथ शिवलिंग की स्थापना सकल अभिलाषित मनोकामना की शीघ्र प्राप्ति के लिए की गई है। मंदिर में प्रवेश करते ही यहां स्थापित शिवलिंग भक्तों को विशेष रूप से आकर्षित करता है। समय के प्रवाह में खंडहर में तब्दील हो चुके इस मंदिर का वर्ष 1982 में ग्रामीणों ने एकजुट होकर जीर्णोद्धार कराया और तब से बड़े ही धूमधाम के साथ यहां चार दिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव का आयोजन किया जाता है। अब मंदिर परिसर में माता पार्वती की मंदिर में स्थापना होने से स्थानीय लोगों सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में महाशिवरात्रि महोत्सव की भव्यता विशेष आकर्षण में बनी हुई है। प्रबंधन समिति द्वारा महाशिवरात्रि के मौके पर इस वर्ष कथावाचक श्रीनटवर महाराज के श्रीमुख से श्रीरामकथा वाचन का भक्तिमय आयोजन किया जा रहा है। यह कथा आगामी 22 फरवरी तक चलेगी।

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