महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें बताया था कि महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने विधानपरिषद में सदस्यों को मनोनीत करने को लेकर उन्हें (पूर्व राज्यपाल को) धमकी भरा एक पत्र लिखा था।
राज्य में उद्धव ठाकरे नीत एमवीए सरकार रहने के दौरान राज्यपाल कोटा के तहत विधानपरिषद में 12 सदस्यों को मनोनीत करने की सिफारिश को रोक कर रखने के अपने रुख का कोश्यारी द्वारा बचाव किये जाने के एक दिन बाद उपमुख्यमंत्री की यह टिप्पणी आई है।
कोश्यारी ने कहा था कि एमवीए के नेताओं ने विधानपरिषद में सदस्यों को मनोनीत करने को लेकर उन्हें धमकाने की कोशिश की थी। फडणवीस ने पुणे में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरी जानकारी के अनुसार, महाविकास आघाडी के नेताओं ने राजभवन का दौरा किया और (तत्कालीन) राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी। राज्यपाल ने मुझे बताया कि एमवीए नेताओं ने धमकी भरे लहजे में एक पत्र लिखा था।
उन्होंने (कोश्यारी ने) उनसे एक नया पत्र सौंपने को कहा था, लेकिन अपने अहम के चलते उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया।''
विधानपरिषद में राज्यपाल कोटे के तहत सदस्यों के मनोनयन को लेकर कोश्यारी और एमवीए सरकार के बीच तकरार देखने को मिला था। कोश्यारी ने हाल में महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया था। तत्कालीन अविभाजित शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के गठबंधन एमवीए के नेताओं ने कोश्यारी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम करने का भी आरोप लगाया था, जो उस वक्त विपक्ष में थी।