संवाद
पाकिस्तान के कराची शहर में शुक्रवार को भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई। घटना एक फैक्ट्री के परिसर में हुई। यहां गरीबों के लिए रमजान के दौरान खाने का सामान और दूसरी चीजें बांटी जा रहीं थीं। मारे गए लोगों में 8 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मौके पर पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन भगदड़ मचते ही भाग गई।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पिछले एक हफ्ते में सरकार द्वारा बांटे जा रहे मुफ्त आटे को लेने के लिए भी भगदड़ की कुछ घटनाएं हुईं। इनमें भी 12 लोग मारे जा चुके हैं। इनमें भी तीन महिलाएं शामिल थीं।
बिजली का तार लोगों पर गिरा
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के मुताबिक चश्मदीदों ने बताया है कि फ्री राशन लेने के लिए बड़ी तादाद में लोग जुट गए थे। बांटे जाना वाला सामान कम था और भीड़ बहुत ज्यादा हो चुकी थी। इसलिए लोग जल्दी से जल्दी सामान लेना चाहते थे। इसी जद्दोजहद के दौरान भगदड़ मच गई। धक्कामुक्की के दौरान एक बिजली का तार टूटकर लोगों पर गिर गया। कुछ लोगों की करंट लगने से मौत हो गई।
कराची के अब्बासी हॉस्पिटल में 9 शव लाए जा चुके हैं। 29 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है।
इन दिनों रमजान का पवित्र महीना चल रहा है। दुनिया के तमाम देशों में मुस्लिम इबादत करने के साथ रोजे रख रहे हैं। पाकिस्तान में इन्हीं दिनों मुफ्त आटा हासिल करने के लिए भगदड़ मच रही है और इसमें अब तक 11 लोगों की जान जा चुकी है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक पाकिस्तान के अकेले पंजाब प्रांत में ही मुफ्त आटा हासिल करने की जद्दोजहद में महिलाओं समेत 11 लोगों की मौत हो चुकी है।
न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई’ के मुताबिक रमजान शुरू होने के बाद से अब तक मुफ्त आटा हासिल करने की कोशिश में 11 लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। खास बात यह है कि यह आंकड़ा पंजाब प्रांत के सिर्फ चार जिलों का है। ये जिले हैं- साहिवाल, बहावलपुर, मुजफ्फरगढ़ और ओकारा। चारों ही जिले दक्षिण पंजाब में आते हैं। इन जिलों में 60 लोग घायल भी हुए हैं। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि लोगों की मौत भगदड़ की वजह से हुई है।
एक किलो आटा 185 रुपए में
‘दुनिया न्यूज’ टीवी चैनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में एक किलोग्राम आटा इस वक्त 185 रुपए में बिक रहा है। देश में ज्यादातर लोग तंदूर की दुकानों से रोटियां खरीदते हैं। लाहौर में एक रोटी करीब 40 रुपए की मिल रही है। तंदूर चलाने वाले दुकानदारों का कहना है कि महंगी बिजली और मेंटेनेंस की वजह से उन्हें रोटी महंगी बेचनी पड़ रही है।
हालात बिगड़ते देख सरकार ने गरीबों के लिए मुफ्त आटा देने की स्कीम शुरू की, लेकिन इसका फायदा उन्हें नहीं मिल पा रहा है। इसकी वजह यह है कि सरकारी अफसर ये खराब क्वॉलिटी का आटा भी ब्लैक मार्केट में बेच रहे हैं।
जैसे ही किसी इलाके में मुफ्त आटा लिए ट्रक पहुंचता है तो भगदड़ मच जाती है। इसकी वजह से 11 लोगों की मौत हुई और 60 घायल हुए। मंगलवार को दो महिलाओं और एक पुरुष की मौत हुई। इसके बाद पुलिस ने भूखे लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया।
महंगाई दर 47%
पिछले हफ्ते पाकिस्तान में महंगाई दर 47% थी। जनवरी में यह 27.6% थी। यह 1975 के बाद सबसे ज्यादा है। 31 जनवरी को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF की एक टीम पाकिस्तान पहुंची थी। 10 दिन चली बातचीत के बाद भी कोई एग्रीमेंट नहीं हो सका और टीम कर्ज की किश्त मंजूर किए बिना ही लौट गई। यह टीम 6 अरब डॉलर के लोन की अगली किश्त (1.2 अरब डॉलर) जारी करने की शर्तों पर बातचीत कर रही थी।
IMF ने बेहद सख्त शर्तें रखी हैं।
इतना ही नहीं उसने इन तमाम शर्तों को पूरा करने के लिए पॉलिटिकल गारंटी भी मांगी है। IMF चाहता है कि पाकिस्तान सरकार इलेक्ट्रिसिटी और फ्यूल को 60% तक महंगा करे। टैक्स कलेक्शन दोगुना करने को कहा गया है।
मामला तब गंभीर हो गया जब शाहबाज सरकार ने फ्यूल सिर्फ 35% महंगा किया और गरीबों को सब्सिडी दे दी। IMF ने इसके बाद कहा- अब किसी तरह के समझौते की गुंजाइश नहीं बची है।
सरकार के लिए एक बहुत बड़ी परेशानी या कहें शर्मिंदगी की बात यह है कि इस वक्त कराची पोर्ट पर करीब 9 हजार कंटेनर्स खड़े हैं। इन्हें अनलोड सिर्फ इसलिए नहीं किया जा सका है, क्योंकि बैंकों के पास डॉलर नहीं हैं और इस वजह से पेमेंट नहीं हो रहा है।