राज्य के 599 अनुदानित इंटर काॅलेजों में अब हर संकाय में 120 सीटें पर ही छात्राें का नामांकन हाेगा। हरेक काॅलेज में हर संकाय साइंस, आर्ट्स और काॅमर्स में 40-40-40 सीटाें पर नामांकन हाेगा। काॅलेज हर संकाय में अधिकतम दाे बार सेक्शन का विस्तार कर सकेंगे और हर सेक्शन भी अधिकतम 40 सीटाें का हाेगा। इस तरह एक संकाय में अब अधिकतम 120 सीटें और काॅलेज में कुल 360 सीटाें पर ही नामांकन हाेगा। बिहार बाेर्ड ने नए सिरे से कॉलेजों का निरीक्षण करने के बाद अब तक जिन्हें एफिलिएशन दिया है, उनके लिए यह व्यवस्था बनाई है।जिन काॅलेजों काे आगे एफिलिएशन मिलेगा, उनमें भी यह व्यवस्था लागू हाेगी। इससे पहले काॅलेज 384 सीटाें पर नामांकन लेते थे। फिर दाे बार सेक्शन बढ़ाकर 128-128 और छात्राें का नामांकन लेते थे। ऐसे में तब एक कॅालेज में 640 सीटें पर नामांकन हाेता था। बाेर्ड ने इसका पत्र संबंधित काॅलेजों काे भेजा है। यह कमी सिर्फ इंटर काॅलेजों में की गई है। इसका असर यह हाेगा कि 599 काॅलेजों में जहां पहले 11,50,080 सीटें थीं। अब नई व्यवस्था से इन काॅलेजों में 2,15,640 सीटें ही बचेंगी। 9,34,440 सीटें कम हाे जाएंगी। इन सीटाें पर हाेने वाले दाखिले का भार इंटर की पढ़ाई कराने वाले डिग्री काॅलेजाें और सरकारी प्लस टू स्कूलाें पर बढ़ेगा। साथ ही, छात्राें के रिजल्ट के आधार पर इन काॅलेजाें काे मिलने वाला अनुदान भी कम हाे जाएगा। शिक्षक नेताओं का कहना है कि अनुदान कम करने के लिए ही बाेर्ड ने यह कदम उठाया है। न ज्यादा छात्र रहेंगे न ज्यादा अनुदान देना पड़ेगा।