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ईडी ने की 14 ठिकानों पर छापेमारी, पूजा सिंघल के करीबी के घर से 3 करोड़ से ज्‍यादा की नकदी बरामद

संवाद 


निलंबित आइएएस पूजा सिंघल से जुड़े अवैध खनन मामले में ईडी ने शुक्रवार को झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) के प्रोजेक्ट मैनेजर अशोक कुमार, हजारीबाग के कारोबारी मोहम्मद इजहार अंसारी से जुड़े रांची, हजारीबाग व रामगढ़ के 14 ठिकानों पर छापेमारी की।

देर रात तक छापेमारी जारी रही।

इस दरम्यान हजारीबाग में पेलावल रोड मिल्लत कालोनी स्थित यूनियन बैंक आफ इंडिया के समीप रहने वाले कारोबारी मोहम्मद इजहार अंसारी के आवास से ईडी ने तीन करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद की है।

ईडी ने जब्‍त किए हैं कई मो‍बाइल, होगी जांच 

देर रात तक नोट गिनने की मशीन से रुपयों की गिनती जारी थी। मोहम्मद इजहार अंसारी निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल का करीबी है।

रांची में जेएसएमडीसी के प्रोजेक्ट मैनेजर अशोक कुमार के हरमू में ब्लू सफायर अपार्टमेंट के सामने स्थित आवास संख्या 16/ए/2 में भी भारी मात्रा में दस्तावेज मिले हैं, जिनका सत्यापन होगा। ईडी ने कुछ ठिकानों से मोबाइलें भी जब्त की हैं, जिनका विश्लेषण करेगी।

पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद से ही अवैध खनन घोटाले पर जारी था ईडी का अनुसंधान

मनरेगा घोटाले में गत वर्ष 11 मई 2022 को ईडी ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया था। वर्तमान में वे जमानत पर हैं। उनके विरुद्ध अनुसंधान में ईडी को यह जानकारी मिली कि खान एवं भूतत्व विभाग की सचिव रहते पूजा सिंघल ने पूरे राज्य में अवैध खनन से करोड़ों की अवैध कमाई की है।

इसके बाद ईडी ने संताल के क्षेत्र में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में पूजा सिंघल की भूमिका को उजागर किया। तब पता चला कि पूजा सिंघल के पास अवैध खनन का पैसा पहुंच रहा है, जिसे पूजा सिंघल का चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार वसूल रहा है।

ईडी ने गत वर्ष छह मई को ही छापेमारी में सुमन कुमार के ठिकाने से 19.76 करोड़ रुपये नकदी बरामद की थी। अब मोहम्मद इजहार अंसारी पूजा सिंघल का दूसरा सहयोगी है, जिसके ठिकाने से तीन करोड़ रुपये से अधिक की बरामदगी हुई है।

कंपनी के नाम पर रियायती दर पर कोयला लेकर खुले बाजार में बेचता था मोहम्मद इजहार

ईडी को छानबीन में यह जानकारी मिली कि मोहम्मद इजहार अंसारी को तत्कालीन खान एवं भूतत्व विभाग की सचिव पूजा सिंघल का सहयोग मिला हुआ था।

वह फर्जी कंपनियों (शेल कंपनियों) के नाम पर कई कंपनियां खोल रखी थी, जिसका वह संचालन करता था। उसकी एक कंपनी का नाम कहकंशा ग्रुप आफ कंपनीज भी है।

उन कंपनियों में खपत के नाम पर उसने रियायती दर पर कोयला कंपनियों से कोयला खरीदता था। उसे वह बाजार में ऊंची कीमत पर बेच देता था और इसके एवज में प्रति टन के हिसाब से अवैध धन पूजा सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार तक पहुंचाता था।

नियम है कि कंपनियों, फैक्ट्रियों को रियायती दर पर कोयला उनके स्वयं के खपत के नाम पर आवंटन होता है, उसे वे बेच नहीं सकते हैं। जबकि, कंपनी तो थी नहीं, फर्जी कंपनी के नाम पर कोयला लेकर वह खपाता था, जो गैर कानूनी है।

कोयला व बालू प्रभारी रहे हैं अशोक कुमार

झारखंड राज्य खनिज विकास निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर सह पूर्व कोयला व बालू प्रभारी अशोक कुमार के ठिकानों पर शुक्रवार को अवैध खनन मामले में छापेमारी शुरू हुई थी।

वर्ष 2007 में ही राज्य सरकार ने एक नीति बनाई थी, जिसमें सस्ते दर पर छोटे व लघु उद्योगों को कोयला उपलब्ध्ध कराना था। इसके लिए झारखंड राज्य खनिज विकास निगम को नोडल एजेंसी बनाया गया था।

अशोक कुमार व अन्य पर आरोप है कि वे कमीशन के आधार पर ऐसी कंपनियों को कोयला देते थे, जिसे खुले बाजार में बेच दिया जाता था।

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