संवाद
बिहार के पूर्व मुख्यंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर नौकरी के बदले जमीन घोटाले के आरोप लगे हैं. यूं तो कोर्ट ने लालू और उनके परिवार को जमानत दे दी है, लेकिन वह लगातार विपक्ष के निशाने पर हैं.
इस कड़ी में बिहार बीजेपी नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव के ऊपर भ्रष्टाचार को लेकर हमला बोला. इस दौरान उन्होंने कहा कि जमीन के बदले काम लालू यादव का नारा है.ED ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में तेजस्वी यादव से D-1088 न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, नई दिल्ली के चार मंजिला मकान जिसकी कीमत 150 करोड़ होगी, पूछताछ की थी.
उन्होंने कहा कि यह आलीशान मकान ए.के.इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड का रजिस्टर्ड कार्यालय है. इसी ए.के. इंफो को हजारी राय महुआ बाग पटना ने सेल डीड नम्बर 2892 दिनांक 21 फ़रवरी, 2007 को 9527 वर्ग फुट भूखंड 10 लाख 83 हजार में नगद भुगतान कर स्थानांतरित किया. उन्होंने आरोप लगाया कि हजारी राय के दो भतीजे दिल चंद्र कुमार और प्रेम चंद्र कुमार को जबलपुर और कोलकाता में रेलवे में 2006 में नौकरी मिल गई और इस ए.के.इंफो के 2014 में तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी मालिक बन गए.
सुशील यादव ने आरोप लगाया कि इस कंपनी के 100 प्रतिशत शेयर राबड़ी, तेजस्वी के नाम हैं. 8,500 शेयर राबड़ी देवी और 1,500 शेयर तेजस्वी यादव के पास हैं. इस कंपनी की डायरेक्टर रागिनी लालू हैं. इस प्रकार 2014 से इस कंपनी पर लालू परिवार का एकाधिकार है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसी कंपनी में रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लिखवाई गई और अब इस जमीन के मालिक राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव हैं.
बीजेपी नेता ने किए चौंकाने वाले दावे
उन्होंने ए.के. इंफोसिस का इतिहास बताने का दावा करते हुए कहा कि राबड़ी सरकार के कार्यकाल (2000-05) के दौरान अमित कत्याल की कंपनी Iceberg Industries ने बिहटा में शराब की फैक्ट्री लगाई. इस कंपनी में लालू परिवार के लोग भी डायरेक्टर थे. इसी अमित कत्याल के नाम अमित कत्याल Infosystem नामक कंपनी बनी. अमित कात्याल की एक अन्य कंपनी Triangle Trading Ltd. द्वारा 2010 में तेजस्वी यादव को 9.5 लाख रुपये की गाड़ी उपलब्ध कराई गई. अमित कात्याल ने 30.26 लाख तेजस्वी को तथा 55.51 लाख तेज प्रताप को कर्ज दिया जो बाद में राइट ऑफ कर दिया गया.
करोड़ों की संपत्ति के मालिक बने तेजस्वी: सुशील यादव
उन्होंने आगे कहा कि ए.के.इंफोसिस के नाम से पटना और दानापुर सर्किल के मौजा चितकोहरा, सलेमपुर, चितनावां, बभनगावां, पानापुर में 21 भूखंड जिसका क्षेत्रफल 221 डिसमिल है, को 2007-10 के बीच 2 करोड़ 16 लाख में खरीदा गया. इस कंपनी को जमीन खरीदने के लिए अमित कात्याल ने 45 लाख 50 हजार का ऋण दिया. राबड़ी देवी ने भी 1 करोड़ 54 लाख का 2018 लोन दिया. इस प्रकार तेजस्वी यादव ए.के.इंफो के माध्यम से करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन बैठे.
'कैसे तेजस्वी 15 हजार खर्च कर करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन गए?'
बीजेपी नेता ने कहा कि यहां सवाल उठता है कि अमित कत्याल ने लालू के बेटे-बेटियों को क्यों अपनी कंपनी का डायरेक्टर बनाया? क्यों कात्याल परिवार ने एक लाख में अपने सारे शेयर राबड़ी देवी और तेजस्वी को दे दिया? क्यों अमित कात्याल ने 45 लाख का कर्ज दिया जो आज तक वापस नहीं हुआ? क्यों ए.के.इंफो द्वारा रेलवे में नौकरी के लाभार्थी से जमीन लिखवाई? क्यों इस कंपनी ने 1 करोड़ 89 लाख के अनेक भूखंड खरीदे? क्यों इस कंपनी ने अपने स्थापना काल से आज तक कोई व्यवसाय नहीं किया? कोई टर्न ओवर नहीं किया केवल जमीन खरीदने का काम किया. कैसे तेजस्वी यादव मात्र 15 हजार खर्च कर करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन गए? क्यों अमित कात्याल और उनके भाई राजेश कात्याल ने इस कंपनी के सारे शेयर 1 लाख में राबड़ी देवी और तेजस्वी को बेच दिया?