अपराध के खबरें

जानिये चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 2023,हिन्दु नव वर्ष विक्रम संवत 2080 अनुसार देश और दुनिया की संभावित प्रबल हाल चाल


पंकज झा शास्त्री 9576281913

 हिंदू नव वर्ष 2023 (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) विक्रम संवत 2080 की कुंडली वृश्चिक लग्न की बनी है। लग्न के स्वामी मंगल महाराज कुंडली के अष्टम भाव में मिथुन राशि में विराजमान हैं। शनि महाराज तृतीयेश और चतुर्थेश होकर चतुर्थ भाव में विराजमान हैं और मजबूत स्थिति में हैं जबकि पंचम भाव में मीन राशि में चार ग्रहों की युति हो रही है जिससे चतुर्ग्रही योग बना है। बृहस्पति, बुध, सूर्य और चंद्र चारों ही मीन राशि में हैं जिनमें बृहस्पति द्वितीयेश होने के साथ-साथ पंचमेश भी हैं। बुध अष्टमेश और एकादशेश हैं। इस कुंडली के दशमेश सूर्य और चंद्रमा भाग्येश हैं। इस प्रकार देखें तो इस कुंडली में दो प्रकार के राजयोग भी निर्मित हो रहे हैं। सर्वप्रथम गुरु और बुध के साथ होने से मीन राशि में नीच भंग राजयोग बन रहा है और दूसरा भाग्येश चंद्र और कर्मेश सूर्य दोनों के संयोग से भाग्याधिपति कर्माधिपति राज योग भी बन रहा है। इसके अतिरिक्त सप्तमेश और द्वादशेश शुक्र, राहु के साथ षष्ठ भाव में विराजमान हैं और द्वादश भाव में केतु की उपस्थिति है।
आइए अब यह जानने का प्रयास् करते हैं कि वर्ष लग्न कुंडली के अनुसार यह हिंदू नववर्ष 2023,विक्रम संवत 2080 हमारे देशवासियों और हमारे देश तथा आसपास के लोगों और राष्ट्रों पर किस प्रकार का प्रभाव डाल सकता है।
विपरीत प्रकृति के देशों के प्रति पारस्परिक सामंजस्य की कमी होगी और स्वयं को श्रेष्ठ साबित करने तथा खतरनाक हथियारों के प्रयोग के लिए होड़ मचेगी। परमाणु और अन्य विध्वंसक हथियारों के संग्रह की प्रवृत्ति बढ़ेगी और एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए किसी भी हद तक जाने की स्थिति बन रही है। 
देव गुरु बृहस्पति का विशेष प्रभाव होने से भारत का विश्व पटल पर रुतबा बढ़ेगा और भारत की बात को विशेष प्रमुखता दी जाएगी।
शनि ग्रह का लग्न पर प्रभाव होने के कारण और शुक्र-राहु की युति की स्थिति के परिणामस्वरूप विश्व के महत्वपूर्ण देशों के सामने अप्रत्याशित घटनाएं और कट्टरवाद तथा आतंकवाद सिर उठा कर खड़े होते नजर आ सकते हैं।
विश्व में आर्थिक मंदी के हालात जन्म लेंगे। इसका असर भारत पर भी पड़ेगा। हालांकि शीघ्र ही उसका असर दूर भी हो जाएगा।
विश्व के ऐसे देश जो गरीबी की चपेट में हैं और बड़े देशों से बड़ा कर्ज लेकर कर्जदार बने हैं उनकी स्थिति और भी विकट होती नजर आएगी और अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है जिससे उनके दिवालिया होने की स्थिति बन सकती है।
विश्व पटल पर कुछ उत्तर और पश्चिम के राष्ट्रों में अकाल की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और अनाज के उत्पादन में कमी होने से उनके दामों में भीषण बढ़ोतरी हो सकती है।
धातुओं के दामों में विशेष बढ़ोतरी के संकेत मिलते हैं।
राजनीतिक तौर पर यह वर्ष सभी के लिए कुछ अस्थिर रहेगा और सबको अपना वर्चस्व साबित करने की होड़ के बीच एक सही मार्ग का चयन करना मुसीबत के समान महसूस होगा।
ऐसे सभी क्षेत्र जिनमें हिंसा की स्थिति चल रही है, उनमें महंगाई और भ्रष्टाचार जोर पकड़ेंगे और सरकार की तानाशाही के विरुद्ध विद्रोह होने की स्थितियां बन सकती हैं।
विस्तारवादी नीति को आगे बढ़ाने वाले देश दुनिया में अपनी पहुंच दिखाने के लिए अलग-अलग तरह के हथकंडे अपनाते हुए नजर आएंगे। हालांकि बाद में उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी।
एशियाई देशों को विशेष रुप से ध्यान देना पड़ेगा क्योंकि यहां पर सत्ता परिवर्तन, हिंसक घटना, सत्ता का संघर्ष और यान दुर्घटना आदि की संभावना बन सकती है।
यूरोपीय देशों में महंगाई बढ़ने और आर्थिक संकट की स्थिति बनने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
भारत विरोधी देश जो भारत में अपने गुप्तचर सक्रिय रख रहे हैं, उन्हें अप्रैल से अगस्त 2023 के बीच भारत की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
भारत को किसी विशेष विरोधी पड़ोसी देश से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और इसके परिणामस्वरूप सीमा पर विवाद बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसके लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।
विश्व पटल पर स्वास्थ्य समस्याओं में बढ़ोतरी का सामना करना 
पर सकता है।
बाढ़ और भूस्खलन तथा भूकंप जैसी समस्याओं का सामना वर्ष के मध्य में करना पड़ सकता है।

वैसे हर घटना नया बदलाव के लिए होता है।

إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live