मार्च की 21 तारीख भारतीय इतिहास में इमरजेंसी के खात्मे के लिए जानी जाती है। इंदिरा गांधी की तरफ से देश पर थोपी गई इमरजेंसी करीब 2 साल बाद आज ही के दिन 1977 में हटाई गई थी। इंदिरा गांधी सरकार ने 25 जून 1975 की आधी रात को इमरजेंसी का ऐलान किया था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अनुरोध पर संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में आपातकाल की घोषणा की थी। इसे आजाद भारत का सबसे विवादास्पद दौर भी माना जाता है। इसके अलावा 21 मार्च 1954 को फिल्मफेयर अवॉर्ड की भी शुरुआत हुई थी।
कब लगा था आपातकाल
25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी को घोषणा की थी 25 और 26 जून 1975 की रात आदेश पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के दस्तखत के साथ देश में आपातकाल लागू हो गया. इसके बाद देश भर में तानाशाही आदेशों की बाढ़ आ गई. लोगों के मौलिक अधिकारियों को सीमित कर दिया.
क्या थी वजह
यह आपातकाल संविधान का उपयोग करते हुए ही लगाया था. इंदिरा गांधी ने संविधान की धारा 352 का उपयोग किया था. यह सब न्यायपालिक के उस आदेश के बाद हुआ था जिसमें 1971 में इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध करार देने वाले इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया गया था.
लाखों लोगों की गिरफ्तारी
आपातकाल में कई तरह के काले कानून लागू किए गए. लाखों लोगों को गिरफ्तार किया गया. लोगों की जबरन नसबंदी कराई गई. प्रेस की आजादी छीन ली गई. सरकार का विरोध करने पर मीसा और डीआईआर जैसे कानूनों का उपयोग कर देश में एक लाख ग्यारह हजार लोग जेल में बंद कर दिए गए.