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4 साल पहले मनोहर पर्रिकर का निधन; CM होते हुए भी स्कूटर से चलते थे

संवाद
गोवा के पूर्व सीएम और बीजेपी के दिग्गज नेता मनोहर पर्रिकर की आज पुण्यतिथि है। आईआईटियन से किसी राज्य का मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले नेता थे। अपनी सादगी और ईमानदारी से वह बीजेपी ही नहीं बल्कि पूरी गोवा की राजनीति में लोकप्रिय थे। चार साल आज ही के दिन उनका निधन हो गया था। वह अग्नाशय के कैंसर से जूझ रहे थे और बीमारी में भी पद पर बने रहे थे।मनोहर पर्रिकर का पूरा नाम मनोहर गोपालकृष्‍णा प्रभु पर्रिकर है। 13 दिसंबर 1955 में जन्‍मे पर्रिकर सबसे पहले साल 2000 में गोवा के सीएम चुने गए थे। वह 2012-2014 में फिर सीएम चुने गए, जबकि 14 मार्च 2017 को एक बार फिर उन्‍होंने गोवा के मुख्‍यमंत्री पद का कार्यभार संभाला। साल 2013 में उन्‍होंने ही नरेंद्र मोदी का नाम लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार के रूप में प्रस्‍तावित किया था।मनोहर पर्रिकर साल 2000 से 2002, 2002 से 2005 और 2012 से 2014 में गोवा के मुख्यमंत्री रहे। रक्षामंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद वह चौथी बार 14 मार्च 2017 को गोवा के मुख्यमंत्री बनाए गए। लेकिन यह विडंबना थी कि वह अपना कोई कार्यकाल पूरा नहीं कर सके और चौथी बार जब वे सीएम बने तो जिंदगी ने ही दगा दे दिया।साल 2014 के नवंबर में मनोहर पर्रिकर मोदी सरकार की केंद्रीय कैबिनेट में रक्षा मंत्री बने। संसद में उनकी एंट्री राज्‍यसभा से हुई। अपनी सादगी, साफगोई और कुशल नेतृत्‍व के पहचाने जाने वाले पर्रिकर रक्षा मंत्री के तौर पर हमेशा प्रखर रहे। अगस्‍ता वेस्‍टलैंड घोटाला जांच से लेकर सर्जिकल स्‍ट्राइक तक उन्‍होंने कई बड़े कदम उठाए।अपनी ईमानदारी और आम व्यक्तित्व की बदौलत वह सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि विपक्षी दलों में भी लोकप्रिय थे। 2017 में जब गोवा विधानसभा चुनाव हुए तो बीजेपी को बहुमत नहीं मिला था। गठबंधन के लिए दूसरे दलों से बातचीत हुई तो सीएम के लिए सबने एक ही नाम लिया- मनोहर पर्रिकर। तब पर्रिकर को रक्षामंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और वह चौथी बार गोवा के सीएम बने।

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