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बीजेपी के साथ आएगी जेडीयू, नीतीश कुमार के 'पंच' कर रहे इशारे

संवाद

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) को अपने डिप्टी पर भरोसा नहीं है? तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav ) के बयानों से सहमत नहीं हैं नीतीश कुमार? क्या नीतीश कुमार का मन 7 महीने में ही भर गया? क्या बिहार में सियासी खेला का पटकथा लिखी जा चुकी है? नीतीश कुमार के एक फैसले से से इतने सवाल उठ रहे हैं, जिसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। हालांकि जिस तरह से नीतीश कुमार ने फैसला लिया है, उससे साफ है कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बयानों से मुख्यमंत्री सहमत नहीं हैं। अगर सहमत होते तो बीजेपी नेताओं की मांग नहीं मानते। बंद कमरे में बात करने के बाद तमिलनाडु घटना को लेकर त्वरित कार्रवाई नहीं करते।दरअसल, शुक्रवार को बिहार विधानसभा में तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर कथित हमले को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। हंगामे के बीच डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सरकार की ओर से सदन में पक्ष रखा। बिहार विधानसभा में बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा था कि तमिलनाडु में बिहारियों पर हमला नहीं हुआ है। बीजेपी झूठा अफवाह फैला रही है। तेजस्वी यादव ने सदन में कहा कि तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक ने एक वीडियो बयान जारी कर इसे निराधार बताया है।हालांकि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के जवाब से बीजेपी विधायक संतुष्ट नहीं हुए और सदन से बाहर चले गए थे। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा के नेतृत्व में बीजेपी प्रतिनिधिमंडल सीएम नीतीश से मिलने पहुंचा। बंद कमरे में बीजेपी नेताओं ने सीएम नीतीश के समक्ष अपनी बात रखी। बैठक के बाद विजय सिन्हा ने बताया था कि मुख्यमंत्री ने हमारे प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल तमिलनाडु का दौरा करेगा। शनिवार को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल तमिलनाडु के लिए रवाना भी हो गया। एक तरह से कहा जा सकता है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के बयानों से सहमत नहीं थे। शायद यही कारण है कि नीतीश कुमार इस मुद्दे पर बीजेपी के साथ खड़े हो गए।

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