भगोड़े जाकिर नाइक के ऊपर भारत सरकार की ओर से लगातार शिकंजा कसता जा रहा है. इसी क्रम में भारत ने ओमान सरकार से कहा है कि वो जाकिर नाइक को देश का दौरा न करने दे.
उसके खिलाफ मलेशिया सरकार के पास प्रत्यर्पण अनुरोध अभी लंबित है. दरअसल ओमान में जाकिर नाइक के दो कार्यक्रम 23 और 25 मार्च को आयोजित होने हैं. इसको लेकर भारत ने ओमान सरकार से बात की है.
सूत्रों के हवाले से ये भी कहा जा रहा है कि फिलहाल जाकिर नाइक ओमान में नहीं है. कुछ साल पहले की बात है जब भारत में जब विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पर कार्रवाई शुरू हुई तो उसने देश छोड़ दिया और विदेश में जाकर रहने लगा. पहले वो ब्रिटेन गया वहां पर उसके व्यवहार की वजह से सरकार ने उसके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया. तब जाकिर ने मलेशिया का रुख किया. उसने बीते तीन सालों से मलेशिया को अपना ठिकाना बना रखा है.
जाकिर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस
भारत सरकार एक लंबे वक्त से जाकिर नाइक के पीछे पड़ी हुई है. भारत में जिस वक्त जाकिर के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया और रेड कार्नर नोटिस इश्यू किया गया, उससे पहले ही वो देश छोड़कर मलेशिया भाग निकला और वहां के सरकारी दफ्तरों और आवासीय भवनों वाले वीआईपी इलाके में रह रहने लगा.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
जाकिर नाइक एक बार फीफा विश्व कप के दौरान कतर में देखा गया था. उस वक्त विदेश मंत्रालय का एक बयान सामने आया था, जिसमें कहा गया कि वो भगोड़ा है. हम मलेशिया से भी उसे वापस हिंदुस्तान लाने के लिए लगातार बात कर रहे हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ''हमारे कानूनी सिस्टम में जाकिर नाइक आरोपी है. मलेशिया से उसके प्रत्यर्पण के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं.'' उन्होंने आगे बताया कि कतर के सामने भारत ने फीफा विश्व कप में नाइक के बुलाने के मामले को उठाया. इसके जवाब में कतर ने कहा कि उसने नाइक को नहीं बुलाया था.
साथ ही बागची ने दावा किया कि सरकार लगातार नाइक को भारत लाने की कोशिश करती रहेगी. बता दें कि नाइक 2016 में भारत छोड़कर मलेशिया चला गया था. हिंदुस्तान मलेशिया से उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध कर चुका है.