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दरभंगा एम्स को लेकर मुख्यमंत्री का बयान हास्यास्पद : सांसद

संवाद 
दरभंगा। सांसद डॉ. गोपलजी ठाकुर ने दरभंगा एम्स को लेकर बिहार विधान परिषद् में मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के बयान को हास्यास्पद बताते हुए इसे मिथिला विरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधान परिषद् में बताया है कि वह तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के समक्ष प्रस्ताव दिए थे कि डीएमसीएच को ही एम्स के लिए अधिग्रहित कर लिया जाय, जो कि सरासर अनुचित था। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार दरभंगा मेडिकल कॉलेज का अस्तित्व खत्म करने और मिथिला वासियों को स्वास्थ्य व्यवस्था से वंचित करने के लिए डीएमसीएच को अधिग्रहित करने की मांग भारत सरकार से किए थे। जिस पर भारत सरकार ने डीएमसीएच का अस्तित्व बरकरार रखते हुए दरभंगा में अलग एम्स बनाने का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, भारत सरकार द्वारा 08 जून 2015 एवं 03 जुलाई 2018 को, संयुक्त सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 10 दिसंबर 2015 एवं 02 मई 2016, 08 दिसंबर 2016 को, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 02 फरवरी 2018, 18 मई 2020, 31 मई 2021, निदेशक, पीएमएसएसवाई द्वारा 12 मार्च 2021 एवं 05 अक्टूबर 2021 के अलावा कई बार पत्र के माध्यम से बिहार सरकार को दरभंगा एम्स निर्माण हेतु जमीन सहित अन्य मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने हेतु स्मारित किया गया था, परंतु तत्कालीन महागठबंधन की सरकार द्वारा एक भी पत्र का जवाब भारत सरकार को नहीं भेजा गया और अब जब राज्य में पुन: एक बार महागठबंधन की सरकार बनी है तो फिर से एम्स को अटकाने, लटकाने और भटकाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव द्वारा विधान परिषद् में बताया है कि डीएमसीएच की जमीन कीमती जमीन है, भारत सरकार का सिर्फ कंस्ट्रक्शन का पैसा लगेगा। उन्होंने कहा की कीमती जमीन से तेजस्वी यादव का प्रेम काफी पुराना है।

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