राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा 2008 के जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में चार दोषियों को बरी करने के एक दिन बाद, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह विभाग पर सवाल उठाया।
पायलट ने कहा कि सभी जानते हैं कि विस्फोट हुए और आरोपी पकड़े गए। अगर निचली अदालत द्वारा मौत की सजा पाए आरोपियों को जांच के अभाव में रिहा किया जाता है तो यह गंभीर मामला है। जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें पीड़ितों को जवाब देना है, उन्हें न्याय दिलाना है। अगर हमें कोर्ट से इंसाफ नहीं मिल रहा है तो कुछ कमी है।
पायलट गुरुवार को जयपुर स्थित अपने आवास पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। पायलट ने कहा कि गृह विभाग और विधि विभाग को यह देखना होगा कि फांसी की सजा सुनाने के बाद भी यदि उच्च न्यायालय में जांच में खामियों के कारण आरोपी बरी होता है तो यह बेहद गंभीर मामला है। जांच ठीक से नहीं हुई, कमियां रहीं। जिम्मेदार लोगों की जांच होनी चाहिए। यह कैसे हो गया? जरूर किसी ने ब्लास्ट किया होगा।
पायलट ने कहा कि निचली अदालत ने आरोपी को मौत की सजा सुनाई थी। सजा कम करना अलग बात है, लेकिन सबूतों के चलते अगर फांसी की सजा की जगह उन्हें रिहा किया जाता है तो यह बहुत गंभीर मामला है। जज भी नहीं चाहते थे कि आरोपी को छोड़ा जाए, लेकिन सबूतों के अभाव में रिहा करना पड़ा। यह बड़ा मामला है, इसकी जांच होनी चाहिए।
पायलट ने कहा कि जो लोग मरे हैं, उन्हें हमें जवाब देना होगा। जिन लोगों ने अपराध किया है, उन्हें दंडित करना आवश्यक है। इस मामले को तार्किक परिणति तक ले जाना हमारी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस मामले में तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जानी चाहिए। सरकार ब्लास्ट केस के सारे सबूत, दस्तावेजी सबूत इकट्ठा करे और लोगों को न्याय दिलाए। अगर हमें न्यायपालिका से न्याय नहीं मिल पा रहा है तो जरूर कुछ कमी है।