गाजियाबाद के डासना मंदिर में एक अमेरिकी डॉक्टर महिला ने भगवान शंकर को सोने का मुकुट समेत श्रृंगार का सामान भेंट किया है। बताया जा रहा है कि महिला द्वारा भेंट किए गए सोने के मुकुट का वजह 19 तोला है।
यह मुकुट उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के दो कारीगरों ने तैयार किया है। इसके साथ ही दावा किया जा रहा है कि मुकुट दान करने वाली महिला डॉक्टर पहले मुस्लिम थीं, लेकिन एक साल पहले वो धर्मांतरण करके हिंदू बन गईं।
मूल रूप से गुजरात की रहने वाली हैं अमेरिकी महिला डॉक्टर
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर एवं डासना मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने बताया कि महिला डॉक्टर मूल रूप से गुजरात की रहने वाली हैं। वे फिलहाल अमेरिका में रहती हैं और वहां डॉक्टर की प्रैक्टिस करती हैं।
महामंडलेश्वर के अनुसार, "महिला डॉक्टर करीब 5 साल पहले सोशल मीडिया के जरिये मेरे संपर्क में आई थीं। इसके बाद दोनों के विचारों का आदान-प्रदान शुरू हुआ।"
उन्होंने दावा किया, "उनकी बातों से प्रभावित होकर मुस्लिम महिला डॉक्टर ने धर्मांतरण का फैसला लिया। करीब एक साल पहले वो धर्मांतरण करके सनातन धर्म में आ गईं और भगवान महादेव शिव को गुरु व जगदंगा महाकाली डासना देवी को अपनी मां मान लिया था।"
श्रृंगार के बाद पहनाया गया मुकुट
यति नरसिंहानंद गिरि ने बताया कि अब महिला डॉक्टर ने डासना मंदिर में स्थापित पारदेश्वर महादेव के लिए सोने का मुकुट सहित पूरा श्रृंगार का सामान भिजवाया है। इसका कुल वजन करीब 19 तोला है। शिवशक्ति धाम डासना में हुए रुद्राभिषेक के उपरांत पंडित सनोज शास्त्री और पंडित कृष्णवल्लभ भारद्वाज ने पारदेश्वर महादेव का श्रृंगार किया।
बता दें कि यति नरसिंहानंद गिरि गाजियाबाद में डासना स्थित शिव शक्ति धाम मंदिर के पीठाधीश्वर हैं। वे श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर भी हैं। वे इससे पहले कई विवादों में भी रह चुके हैं और कथित तौर पर हेट स्पीच के लिए जेल भी जा चुके हैं।