विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विदेशों में भारतीय दूतावास पर हमले को लेकर बुधवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि अगर बोलने की आजादी के नाम पर आप इस तरह के हमले की इजाजत देंगे, तो आपको भी अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम ‘भारत में अमेरिकी राजदूत’ को 100% प्यार से समझाएंगे.”
दरअसल, वॉशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास के पास अलगाववादी सिख बीते 25 मार्च को एकत्र हुए थे और उन्होंने अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू के खिलाफ अपशब्द कहे और उन्हें सार्वजनिक रूप से धमकी भी दी.
प्रदर्शन स्थल पर कुछ प्रदर्शनकारी अन्य प्रदर्शनकारियों को हिंसा में शामिल होने और इमारत की खिड़कियां एवं शीशे तोड़ने के लिए भड़काते भी नजर आए. इसी तरह से एक अन्य घटनाक्रम में खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने बीते 19 मार्च को सैन फ्रांसिस्को में भारत के वाणिज्य दूतावास में आग लगाने की कोशिश की थी.
न्यूज़18 नेटवर्क के चर्चित दो दिवसीय मार्की लीडरशिप कॉन्क्लेव ‘राइजिंग इंडिया सम्मेलन 2023’ में बोलते हुए विदेश मंत्री ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ चल रहे तनाव को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, ‘2020 में चीन ने भारतीय क्षेत्र में अपनी सेना को घुसाया और हमने इसका मुकाबला किया. जब मैं अपने समकक्ष से मिला, तो उन्होंने माना कि यह खतरनाक स्थिति थी.’
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उन्होंने आगे कहा, ‘हमने (भारत और चीन) जो कुछ भी किया वह आपसी और समान सुरक्षा पर आधारित था, यह काम अभी भी अधूरा है, हम इस पर काम करना जारी रखेंगे.’ केंद्रीय मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि उन्होंने चीन के नए विदेश मंत्री के साथ जी20 बैठक के दौरान भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी.
‘राइजिंग इंडिया’ के मंच पर जब विदेश मंत्री एस जयशंकर से यह पूछा गया कि क्या भारत रूस और यूक्रेन के बीच शांति निर्माता की भूमिका निभाएगा, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से जब भी संभव होगा हम यह करेंगे, अगर हम मदद कर सकते हैं तो हम यह जरूर करेंगे.’