बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में एक और कार्रवाई गुरुवार को की गयी. सीबीआई ने भागलपुर में कार्रवाई करते हुए एक और गिरफ्तारी की है. गुरुवार अहले सुबह करीब 4 बजे ही सीबीआई की टीम ने सबौर के शांतिनगर से एक कर्मचारी उमेश सिंह को गिरफ्तार किया.
बताया जा रहा है कि इस घोटाले में उमेश सिंह भी सीबीआइ के रडार पर थे. सीबीआई की टीम उमेश सिंह को लेकर सदर अस्पताल पहुंची जहां उनका स्वास्थ्य जांच किया गया. जिसके बाद सीबीआई की टीम उमेश सिंह को लेकर पटना के लिए रवाना हुई.
सरकारी लिपिक की हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि सृजन घोटाला मामले में जांच एजेंसियां लंबे समय से कार्रवाई कर रही है. इस घोटाले की जांच के दौरान कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जिनमें कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक भी शामिल हैं.
पिछले साल ही सीबीआई ने डीआरडीए के निलंबित लिपिक अरुण कुमार को भागलपुर से गिरफ्तार किया था. डीआरडीए के खाते से हुए घोटाले में सीबीआई को लिपिक की संलिप्तता मिली थी जिसके बाद तिलकामांझी इलाके से उसकी गिरफ्तारी की गयी थी.
बंगाल से भी गिरफ्तारी
भागलपुर ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल से भी सीबीआई ने इस मामले में गिरफ्तारी की थी.सृजन घोटाले में ही तत्कालीन बैंक प्रबंधकों की गिरफ्तारी भी की गयी थी. शंकर दास और अर्जुन दास सीबीआई के रडार पर थे. जिन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था. कई आरोपित इस समय फरार भी चल रहे हैं. वहीं कई नामी चेहरों पर गाज गिर चुकी है. बता दें कि इस घोटाले में ईडी भी अपने स्तर से जांच कर रही है.
अमित व रजनी प्रिया फरार
गौरतलब है कि सृजन घोटाले की मुख्य अभियुक्त मनोरमा देवी के बेटे अमित कुमार व बहू रजनी प्रिया लंबे समय से गायब हैं. उनकी खोज वर्षों से जारी है. लेकिन अबतक दोनों का कोई अता-पता नहीं चल सका है. दोनों घोटाला उजागर होने के समय से ही फरार चल रहे हैं.
अमित कुमार सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव रही मनोरमा देवी का बेटा है. अमित कुमार की पत्नी रजनी प्रिया को मनोरमा देवी की मौत के बाद सृजन समिति का सचिव बनाया गया था. वर्ष 2017 में इस घोटाले का खुलासा हुआ था.