छठ पर्व मुख्यतौर पर बिहार के लोगों के लिए विशेष महत्व रखने वाला पर्व है. वहीं इस पर्व को अन्य जगहों पर भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है. एक तो चैत्र के महीने में यानी अप्रैल के महीने में और दूसरा कार्तिक के महीने में यानि अक्टूबर-नवंबर के महीने में मनाया जाता है. छठ का त्योहार (Chaiti chhath) इस साल 25 मार्च से शुरू होकर 28 मार्च को उगते सूरज को जल देकर समाप्त होगा. ध्यान दें चैत्र में मनाए जाने वाले चैती छठ व्रत (chhath vrat) के नियम कार्तिक में मनाए जाने वाले छठ के समान ही होते हैं. छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ आज से होगी. वहीं 26 मार्च को खरना के दिन खीर और रोटी का भोग लगेगा. 27 मार्च (Chaiti chhath date) को डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं 28 मार्च को उगते सूरज को अर्घ्य देकर इस पर्व का समापन किया जाएगा.महिलाएं नहाय खाय वाले दिन खुद को पवित्र कर अगले दिन खरना की तैयारी में जुट जाती हैं. बता दें कि खरना (Kharna date) को कई जगहों पर लोहंडा भी कहा जाता है. इस दिन व्यक्ति लोग स्नानादि करके सूर्य भगवान को जल देते हैं और उसके बाद पीतल या मिट्टी के पात्र में गुड़ की खीर बनाकर भोग लगाते हैं. बता दें कि गुड़ की खीर केवल गाय के उपले या आम की लकड़ी पर बनाई जाती है और उसके बाद केले के पत्ते पर भगवान सूर्य और चंद्रमा का भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया जाता है.
चैती छठ की तिथि और समय
चैती छठ का पर्व - 25 मार्च 2023 – शनिवार से शुरू
नहाय-खाय की तिथि - 25 मार्च 2023 – शनिवार
खरना की तिथि - 26 मार्च 2023 – रविवार
डूबते सूर्य का अर्घ्य - 27 मार्च 2023 – सोमवार
उगते सूर्य को अर्घ्य - 28 मार्च 2023 – मंगलवार
चैती छठ की पूजा पर अर्घ्य देने के लिए सूर्यास्त का समय - 27 मार्च – सोमवार शाम 5:30 बजे
चैती छठ की पूजा पर अर्घ्य देने के लिए सूर्योदय का समय - 28 मार्च सुबह 6:40 बजे