देश में आज रमजान का चांद नजर आ गया है, जिसके बाद यह पाक महीना शुरू हो रहा है। इसके साथ ही 22 मार्च से रोजा की भी शुरुआत हो जाएगी। यानी कल को देश में पहला रोजा रखा जाएगा। इस्लामी कैलेंडर के हिसाब से रमजान नौवां महीना होता है, जब लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और सुबह से शाम तक बिना कुछ खाए-पिए रोजा रखते हैं।
दिन में 5 बार पढ़ी जाती है नमाज
रमजान के पाक महीने में रोजा के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग दिन में पांच बार नमाज पढ़ते हैं। फज्र की नमाज (सुबह की नमाज) से लेकर इशा (रात की नमाज) की नमाज तक वे दिनभर में कुल मिलाकर पांच बार नमाज पढ़ते हैं। इस दौरान लोगों को अपने भीतर ईर्ष्या, द्वेष, लड़ाई-झगड़े, गुस्सा, झूठ, गाली-गलौच जैसी नकारात्मकताओं को त्याग देना होता है। साथ ही उन्हें स्मोकिंग और शराब से परहेज को भी कहा जाता है।
जानें सहरी और इफ्तार का वक्त
रजमान के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में सहरी और इफ्तार का वक्त अलग-अलग है। दिल्ली में पहले दिन जहां सहरी का वक्त सुबह 4 बजकर 48 मिनट पर होगा, वहीं इफ्तार का समय शाम 6 बजकर 43 मिनट पर होगा। मुंबई में सहरी का वक्त सुबह 5 बजकर 52 मिनट है तो इफ्तार शाम 6 बजकर 52 मिनट होगा। कोलकाता में सहरी 4 बजकर 17 मिनट पर और इफ्तार शाम 5 बजकर 51 मिनट पर है। हैदराबाद में सहरी सुबह 5 बजकर 1 मिनट पर तो इफ्तार 6 बजकर 30 मिनट पर है।
क्या होता है सहरी और इफ्तार
भारत में रमज़ान का पाक महीना आज देर शाम चांद निकलने के साथ ही शुरू हो गया है। कल देशभर में मुस्लिम समुदाय के लोग पहला रोजा रखेंगे। रमजान में सूरज उगने से पहले और सूरज ढलने के बाद ही खाना खाया जाता है। सुबह के खाने को सहरी कहा जाता है तो शाम में सूरज ढलने के बाद नमाज पढ़कर जब रोजा खोला जाता है तो उसे इफ्तार कहते हैं।
दिख गया रमज़ान का चांद
रमज़ान का चांद भारत में नजर आ गया है।
चार सप्ताह दो दिन चलता है रमजान
रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना है, जो 720 घंटे यानी चार सप्ताह और दो दिनों तक चलता है। इस दौरान इस्लाम के अनुयायी सुबह से शाम तक उपवास करते हैं, शांति तथा मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना करते हैं। इसका मकसद समुदाय के लोगों को दान या ज़कात के लिए प्रेरिता करना, मानवीय सहायता प्रदान करने वाली गतिविधियों में शामिल होना, वंचितों को खाना खिलाना और उनकी आत्मा को प्रबुद्ध करने के लिए आत्मनिरीक्षण करना है।