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नहीं रहा सर्कस को दिलों तक पहुंचाने वाला दिग्गज, 99 साल की उम्र में 'जेमिनी शंकरन' का निधन

संवाद 

शेर, हाथी, जोकर, हवा में हैरतअंगेज करतब करते कलाकार और दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर कर देने वाले स्टंट्स. हम बॉलीवुड की किसी फिल्म नहीं बल्कि सर्कस की बात कर रहे हैं.

शहरों की दीवारों से पटे सर्कस के पोस्टर्स और रोजाना के तीन से चार शो में दर्शकों का मजमा लग जाता था. 80 और 90 के दशक में पैदा हुए लोगों के लिए सर्कस एक बड़ा एंटरटेनमेंट था. 

अब बात सर्कस की हो और जेमिनी सर्कस का नाम ना आए, ऐसा तो हो ही नहीं सकता. इसी सर्कस से न जाने कितने लोगों की बचपन की यादें जुड़ी हुई हैं. लेकिन लोगों को एंटरटेनमेंट का फुल डोज देने वाले जेमिनी सर्कस के संस्थापक जेमिनी शंकरन का रविवार रात निधन हो गया. वह 99 वर्ष के थे. उनको बढ़ती उम्र से जुड़ी कई बीमारियां थीं. इस वजह से वह एक प्राइवेट अस्पताल में एडमिट थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली.

सेना से रिटायरमेंट फिर खरीदी सर्कस कंपनी

शंकरन का जन्म 1924 में हुआ था. उन्होंने मशहूर सर्कस कलाकार कीलेरी कुन्हिकन्नन से तीन साल की ट्रेनिंग ली. उन्होंने रोजी-रोटी चलाने के लिए अपने इलाके में किराने की दुकान भी खोली लेकिन भारी नुकसान झेलने के बाद उन्हें दुकान बंद करनी पड़ी. बाद में वे सेना में शामिल हो गए. दूसरा वर्ल्ड वॉर खत्म होने पर वह रिटायर हो गए. 

देश के अलग-अलग सर्कस ग्रुप्स के साथ काम करने के बाद उन्होंने 1951 में विजया सर्कस कंपनी खरीदी और इसका नाम बदलकर जेमिनी सर्कस कर दिया. बाद में उन्होंने अपनी दूसरी कंपनी जंबो सर्कस शुरू की. शंकरन के परिवार में दो बेटे और एक बेटी है. केंद्र सरकार ने देश में सर्कस के क्षेत्र में शंकरन के योगदान को देखते हुए उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा था.

सीएम विजयन ने कही ये बात

उनके निधन पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शोक जताया और कहा, शंकरन ने भारतीय सर्कस के आधुनिकीकरण में एक बड़ी भूमिका निभाई और विदेशी कलाकारों और उनके करतबों को इसमें शामिल किया. सीएम ने कहा कि प्रगतिशील नजरिया रखने वाले शंकरन के साथ उनके करीबी संबंध थे. 

शंकरन के कई प्रधानमंत्रियों, राष्ट्रपतियों और अन्य मशहूर हस्तियों के साथ भी अच्छे संबंध थे. विजयन ने कहा कि शंकरन का निधन देश में सर्कस की कला के लिए एक बड़ा नुकसान है. उनके पार्थिव शरीर को उनके आवास पर रखा जाएगा, ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें. मंगलवार को पय्याम्बलम समुद्रतट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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