तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय के 'लापता' होने के बीच उनके अगले कदम की राजनीतिक विश्लेषक अटकलें लगा ही रहे थे कि मुकुल रॉय ने भाजपा में लौटने की इच्छा जाहिर कर दी और कहा कि वह अब भी भाजपा के ही विधायक हैं।
मुकुल रॉय के भाजपा में लौटने की इच्छा पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसे रिजेक्टेड लोगों की पार्टी में जरूरत नहीं है।
मंगलवार शाम को एक बंगाली समाचार चैनल से बात करते हुए टीएमसी नेता मुकुल रॉय ने कहा, मैं एक भाजपा विधायक हूं। मैं भाजपा के साथ रहना चाहता हूं। पार्टी ने मेरे यहां ठहरने के लिए इंतजाम किए हैं। बकौल रॉय- मैं अमित शाह से मिलना चाहता हूं और जे पी नड्डा से बात करना चाहता हूं।
भाजपा नेता शुभेंदु ने कहा कि हमें ऐसे लोगों में कोई दिलचस्पी नहीं है। हम बूथ को मजबूत करने में रुचि रखते हैं। हमारे सांसद, विधायक और अन्य नेता गैर-भाजपा मतदाताओं को हमारी पार्टी के पक्ष में लाने के लिए काम कर रहे हैं। भाजपा नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल भाजपा अब बहुत आत्मनिर्भर है, हमें किसी नेता को लाने की जरूरत नहीं है। हम इस प्रकार के रिजेक्टेड (अस्वीकृत) लोगों को अनुमति नहीं देंगे।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने अपने शासन में हमारे (भाजपा) जैसा सक्रिय विपक्ष नहीं देखा है। सीपीएम और कांग्रेस दोनों की उसके साथ सेटिंग थी। लेकिन, हम लगातार सार्वजनिक मुद्दों को उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीएमसी के 200 विधायकों से लड़ने के लिए, हमारे 70 विधायक काफी हैं।
तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्य रहे मुकुल रॉय 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे। 2021 में उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी। हालांकि, इसके तुरंत बाद वह विधानसभा से इस्तीफा दिए बिना तृणमूल कांग्रेस में वापस आ गए।
टीएमसी नेता ने कहा, ''मैं कुछ समय से अस्वस्थ था, इसलिए मैं राजनीति से दूर था। लेकिन अब मैं ठीक हूं और मैं फिर से राजनीति में सक्रिय होऊंगा।''
उन्होंने कहा कि वह ''100 प्रतिशत आश्वस्त हैं कि वह तृणमूल कांग्रेस के साथ कभी संबंध नहीं रखेंगे।'' रॉय ने अपने बेटे शुभ्रांशु को भी एक सलाह दी। उन्होंने कहा, ''उन्हें (शुभ्रांशु को) भी भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए क्योंकि यह उनके लिए सबसे उपयुक्त होगा।''
तृणमूल कांग्रेस नेता के परिवार के सदस्यों ने दावा किया था कि वह ''लापता'' हो गए हैं। रॉय के दिल्ली जाने से उनके अगले राजनीतिक कदम को लेकर अटकलबाजी शुरू हो गयी थी।
बीती रात को दिल्ली पहुंचने के बाद रॉय ने पत्रकारों से कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी पहुंच गए हैं लेकिन उनका ''कोई खास एजेंडा'' नहीं है।