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'दादा जी ने वाट लगा दी', पत्रकार को भारत से पाकिस्तान पलायन करने पर हुआ मलाल, लोग बोले- योगी करा देंगे घर वापसी

संवाद

पाकिस्तान की प्रसिद्ध पत्रकार आरजू काज़मी का एक ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें उन्होंने बताया कि वह असल में हिंदुस्तान की रहने वाली हैं, लेकिन उनके दादा पलायन कर दिल्ली और प्रयागराज से पाकिस्तान आ गए थे और वे लोग वहीं बस गए.

दरअसल पाकिस्तान में पिछले कई महीनों से आर्थिक हालात खस्ता हैं. लोगों को आटा लेने तक के लिए लाइन में लगना पड़ रहा है और इस कारण कई बार भगदड़ भी मच गई. खाद्य पदार्थों की कीमतें लगातार आसमान छू रही हैं. काजमी का ट्वीट इन्हीं हालातों से जोड़कर देखा जा रहा है.

भारत से पलायन पर पछतावा

आरजू ने अपने पूर्वजों के 1947 में भारत से पाकिस्तान चले जाने के फैसले पर 'अफसोस' जताते हुए ट्वीट किया, 'मेरे भाइयों और परिवार के अन्य सदस्यों को लगता है कि उनका पाकिस्तान में कोई भविष्य नहीं है. मेरे दादाजी और उनका परिवार पाबेहतर भविष्य के लिए प्रयागराज और दिल्ली से पाकिस्तान चला आया था. वाट लगा दी दादा जी.' जैसे ही आरजू का ट्वीट वायरल हुआ तो कई लोगों ने उन्हें रिप्लाई करना शुरू कर दिया.

लोगों ने दिया भारत आने का न्यौता

अफशान नाम की यूजर ने लिखा, 'मेरे दादा-दादी बिहार और यूपी से पलायन कर पाकिस्तान आए थे और उन्हें अंतिम सांस लेने तक अपने फैसले पर पछतावा हो रहा था.' समीर अहमद नाम के यूजर ने लिखा, 'मैं बेहतर तरीके समझ सकता हूं. मेरे दादा ने भी यही किया था और अंत में हमारी हालत खराब हो गई.' जगदीश नाम के यूजर ने कारजू को रिप्लाई करते हुए लिखा, 'योगी जी घर वापसी करा देंगे.' मंजूर अहमद ने लिखा-चिंता की बात नहीं है अब्बा (भारत) का दिल बहुत बड़ा है. आरजू को इसके बाद कई लोगों ने भारत में आने का न्यौता दिया.

कौन हैं आरजू
पाकिस्तानी पत्रकार आरज़ू काज़मी अक्सर भारतीय समाचार चैनलों पर भी दिखाई देती हैं.वहीं कई बार इस बात को स्वीकार चुकी हैं कि पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों पर जुल्म होता है.इसके अलावा वह पाकिस्तानी सेना और सरकार की भी कई बार पोल खोल चुकी हैं.उन्होंने ट्रिनिटी मेथोडिस्ट चर्च स्कूल कराची से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद प्रतिष्ठित पंजाब विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया. 

उनके पिता भारत (इलाहाबाद-प्रयागराज के पास काड़ा) से पलायन कर पाकिस्तान चले गए थे. वे भी अपने समय के एक प्रतिष्ठित पत्रकार थे और उनकी माँ अम्बाला कैंट से प्रवासित थीं. उनके पिता सैयद सलाहुद्दीन काज़मी भी एक पत्रकार थे और उन्हें 1998 में पाकिस्तान सरकार से पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके काम के लिए स्वर्ण पदक मिला था.

आरज़ू कई अहम मीडिया संस्थानों में काम कर चुकी हैं औऱ एंकर भी रह चुकी हैं. इसके अलावा वह बिजनेस रिकॉर्डर, पाकिस्तान टाइम्स, फ्रंटियर पोस्ट, पाकिस्तान ऑब्जर्वर, इंडिपेंडेंट उर्दू जैसे कुछ प्रसिद्ध समाचार आउटलेट्स के लिए एक फ्रीलांसर के रूप में लेख लिखती हैं. भारत-पाक मुद्दों के बारे में वह भारतीय मीडिया बहसों में अक्सर दिखाईं देती हैं.

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