हरियाणा सोनीपत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरुचि अतरेजा सिंह की अदालत ने स्कूल में छात्र के साथ कुकर्म करने के मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी स्कूल कर्मी को दोषी करार दिया है।
अदालत ने दोषी को उम्रकैद व 1.30 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि में से एक लाख रुपये पीड़ित को देने के आदेश दिए गए हैं। वहीं जुर्माना राशि अदा न करने पर दोषी को 41 माह अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।
छात्र के पिता ने 17 नवंबर, 2021 को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी थी कि उनका 14 वर्षीय बेटा खरखौदा थाना क्षेत्र के एक स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ता था और हॉस्टल में रहता था।
उनके बेटे ने दो माह पहले ही उसे स्कूल से निकालने को कहा था। उनके बेटे ने स्कूल छोड़ने का कोई कारण नहीं बताया था। उन्होंने बेटे के कहने पर स्कूल से उसका दाखिला रद्द करा दिया था। उसका दूसरे स्कूल में दाखिला करा दिया था।
उन्होंने बताया था कि कुछ दिन पहले उन्होंने अपने घर के मोबाइल पर कुछ रिकॉर्डिंग मिली थी। जब उन्होंने रिकॉर्डिंग सुनी तो वह दंग रह गए। उन्होंने सुना कि स्कूल का एक कर्मी पीटर गैटली उनके बेटे संग अश्लील बात कर रहा था। वह उनके बेटे को कमरे पर ले जाने को बोल रहा था।
उन्होंने अपने बेटे को बुलाकर पूछताछ की तो उसने बताया कि पीटर दाखिला लेने के बाद से ही उसके साथ गलत हरकत करता था। वह उसे अपने कमरे पर बुलाकर अश्लील कार्य करने को बोलता था। वह उसे मोबाइल में गलत फिल्म दिखाता था। जब वह इसका विरोध करता तो आरोपी मारने-पीटने व जान से मारने की धमकी देता था। तब उसने बताया था कि उसने स्कूल भी पीटर की हरकतों से तंग आकर छोड़ा था।
उनके बेटे ने बताया कि पीटर छोटे बच्चों से गलत हरकत करता था। पीटर की रिकॉर्डिंग के अलावा उसकी व्हाट्सएप कॉल भी उनके मोबाइल पर आई थी। उन्होंने स्कूल में शिकायत की तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
बाद में स्कूल ने बताया था कि उन्होंने आरोपी को निकाल दिया है। वहीं वह थाने में गए तो वहां भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने एसपी को शिकायत दी थी, जिस पर खरखौदा थाना में जांच के लिए भेजा गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था।
मामले में आरोपी पीटर गैटली को 20 नवंबर, 2021 को गिरफ्तार कर लिया था। वह मूलरूप से चंडीगढ़ रोड अंबाला का रहने वाला था और खरखौदा के स्कूल में ही रहता था। पुलिस ने किशोर का मेडिकल कराने के बाद मामले में 6, 10, 14 पॉक्सो एक्ट व भादंसं की धारा 377 जोड़ी थी। पुलिस ने मामले में आरोपी का ब्लड सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट भी कराया था।
मामले में सुनवाई के बाद अब एएसजे सुरुचि अतरेजा सिंह की अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है।
सोमवार को मामले में सजा सुनाते हुए अदालत ने दोषी को 6 पॉक्सो एक्ट में उम्रकैद व 50 हजार रुपये जुर्माना, भादंसं की धारा 377 में उम्रकैद व 50 हजार रुपये जुर्माना, भादंसं की धारा 506 में सात साल कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना, 10 पॉक्सो एक्ट में सात साल कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना व 12 पॉक्सो एक्ट में तीन साल कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।
सभी सजा एक साथ चलेगी। जुर्माना राशि के 1.30 रुपये जमा कराने पर उसमें से एक लाख रुपये पीड़ित को देने आदेश दिए गए हैं। जुर्माना न देने पर 41 माह अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।