बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब इनके ऊपर ईडी ने एक और मामला दर्ज किया है। यह मामला धन-शोधन निवारण अधिनियम पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत एक अलग केस दर्ज कर लिया है। इस मामले में तेजस्वी से अलग से पूछताछ होगी। सीबीआइ की प्राथमिकी के आधार पर ये मामला दर्ज किया गया है।
दरअसल, नौकरी के लिए जमीन मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नई दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कार्यालय में उपस्थित हुए। जहां इनसे रात करीब 9 बजे तक पूछताछ की गयी। वहीं, अब ईडी के तरफ से उनके विरूद्ध एक और मामला दर्ज कराया गया है। यह धन-शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज हुआ है। इससे पहले रात करीब 9 बजे ईडी दफ्तर से तेजस्वी बाहर निकले और सीधे अपने पिता लालू यादव के पास पहुंचे। उधर बिहार में सीबीआई ने दो अभ्यर्थियों के बारे में जानकारी बटोरा है।
वहीं, इससे पहले 26 मार्च को सीबीआई ने इसी मामले में तेजस्वी से पूछताछ की थी। इडी कार्यालय से निकलने के बाद तेजस्वी ने कहा कि केंद्र की हर एजेंसी से पूछताछ में वह सहयोग कर रहे हैं। उस दौरान तेजस्वी यादव को सीबीआई की ओर से तब आश्वस्त किया गया था कि उनकी गिरफ्तारी फिलहाल नहीं की जाएगी।
मालूम हो कि, इस मामले में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, सांसद मीसा भारती और लालू प्रसाद के सहयोगी पूर्व विधायक भोला यादव सहित कई अन्य लोगों से सीबीआइ पूछताछ कर चुकी है। लालू और उनसे जुड़े लोगों के ठिकाने पर भी छापेमारी हुई है। ऐसा बताया जाता है कि, इडी के छापे के दौरान अब तक लालू प्रसाद के स्वजनों के ठिकाने से अकूत संपत्ति मिली है। ये छापे एकसाथ 24 जगहों पर पड़े थे। जांच में यह भी पता चला है कि लालू प्रसाद प्रसाद के रेल मंत्री काल में बड़े पैमाने पर जमीन के बदले रेलवे में नौकरियां दी गई थीं।
आपको बताते चलें कि, इसी मामले में ईडी ने बीते 25 मार्च को पूछताछ के लिए मीसा भारती को भी बुलाया था। उस दिन तेजस्वी यादव सीबीआई दफ्तर में पेश हुए थे। मीसा और लालू-राबड़ी को अदालत से जमानत मिला हुआ है।