संवाद
नालंदाः बिहार के नालंदा में एक प्रशासनिक अमला शांति व्यवस्था बनाए रखने के प्रयास में जुटी हुई है. दूसरी तरफ उपद्रवी हैं कि मान नहीं रहे. हर दिन कहीं न कहीं से हिंसा और हंगामें की सूचना मिल रही है. पूरा नालंदा जल रहा है. ऐसे में बिहारशरीफ के टाउन हाॅल में कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए शांति समिति की डीएम और एसपी ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक में प्रशासनिक पदाधिकारी हताश और लाचार नजर आए. एसपी ने खुलकर पूछा आखिर कैसे शांति बहाल की जाए? आपलोग खौफ पैदा करने की बात करते हैं, तो क्या उपद्रवियों का एनकाउंटर कर दिया जाए? इसकी अनुमति हमें कानून नहीं देता है.
उपद्रवियों का नहीं कर सकते एनकाउंटरः एसपी ने कहा कि शहर में शांति खत्म हो गया है. समाधान के रूप में आपलोगों ने कहा कि फ्लैग मार्च करेंगे. जगह-जगह जाकर शांति समिति की बैठक करेंगे. लेकिन उसका परिणाम आना चाहिए. हर घर में जाकर तो नहीं देख सकते हैं. पहाड़पुरा में हमलोगों ने कल बार-बार पेट्रोलिंग किए. जिसको हमलोगों ने अंदर जाने को कहा, चला गया. इसके बाद भी कौन अपने दिमाग में कौन सा क्राइम सोचकर बैठा है. इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. आपलोग खौफ पैदा करने की बाद कहते हैं. क्या करें हमलोग उपद्रवियों का एनकाउंटर कर दें? नहीं कर सकते न, हमें कानूनी तरीके से जाना होगा ना.
आखिर कैसे शांति बहाल की जाए? आपलोग खौफ पैदा करने की बात करते हैं, तो क्या उपद्रवियों का एनकाउंटर कर दिया जाए? नहीं कर सकते न, हमें कानूनी तरीके से जाना होगा ना. क्या 10-12 साल के बच्चे को थप्पड़ मार दें? आपलोगों को अच्छा लगेगा. अब हमलोगों को क्या पता है कि कल वहीं बच्चा हमलोगों को पत्थर मार देगा. फिर हमें कानून के रास्ते चलना होगा" - अशोक मिश्रा, एसपी, नालंदा
कानून के दायरे में ही पुलिस करती है कामः एसपी ने कहा कि क्या 10-12 साल के बच्चे को थप्पड़ मार दें? आपलोगों को अच्छा लगेगा. अब हमलोगों को क्या पता है कि कल वहीं बच्चा हमलोगों को पत्थर मार देगा. फिर भी हमें कानून के रास्ते चलना होगा. क्योंकि कानून सबूत मांगता है. हमलोगों को सजा नहीं दे सकते हैं. सजा कोर्ट देती है और वह सबूत के हिसाब से देती है. अगर जनप्रतिधि कहे कि खौफ होना चाहिए तो यह प्रशासन और सिविल सोसाइटी दोनों की विफलता है.
बिहारशरीफ की घटना पुलिस के लिए शर्मिंदगी: पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा ने कहा कि बिहारशरीफ में इतनी बड़ी घटना घट जाना जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के लिए शर्म और डूब मरने की बात है. आखिर बच्चों के पास इतने सारे हथियार आ कहां से आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए शहर में फ्लैग मार्च किया, जगह-जगह माइक के सहारे लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की, जगह-जगह शांति समिति की बैठक हुई. लेकिन उसका रिजल्ट कुछ भी हाथ में नहीं आ रहा है.
शांति बनाए रखने में सहयोग की अपीलः जिलाधिकारी शशांक शुभंकर एवं पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा ने आज विभिन्न राजनीतिक दलों के जिलाध्यक्ष व प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. शहर में शांति एवं सद्भाव बनाये रखने को लेकर सभी प्रतिनिधियों ने हर संभव सहयोग का भरोसा दिया. बैठक के दौरान सभी प्रतिनिधियों ने वार्ड स्तरीय शांति समिति के साथ-साथ संबंधित क्षेत्र में फ्लैग मार्च एवं समुदाय के साथ बैठक में शामिल होने की बात कही. अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई का अनुरोध किया.