तमिलनाडु में कथित हिंसा का वीडियो वायरल करने के आरोप में जेल में बंद यूट्यूबर मनीष कश्यप की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मनीष कश्यप की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने मनीष कश्यप के खिलाफ कठोर कार्रवाई को रोकने इनकार कर दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कठोर कार्रवाई का आदेश देने से इनकार नहीं किया जा सकता है हालांकि दोनों राज्यों में कश्यप के खिलाफ दर्ज केस को क्लब करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार और तमिलनाडु पुलिस को नोटिस जारी किया है। 21 अप्रैल को इस मामले पर अगली सुनवाई होगी।
दरअसल, मनीष कश्यप ने 5 अप्रैल को अपनी गिरफ़्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मनीष कश्यप ने अर्जी दाखिल कर अंतरिम जमानत के साथ अलग-अलग राज्यों में दर्ज एफआईआर को भी एक साथ जोड़ने की मांग की थी। तमिलनाडु में कथित हिंसा के फेक वीडियो चलाने के मामले में जेल में बंद यूट्यूबर मनीष कश्यप की याचिका पर सोमवार को सुनवाई होनी थी लेकिन केस के लिस्ट नहीं होने के कारण सोमवार को मामले की सुनवाई नहीं हो सकी थी। कोर्ट ने मंगलवार को मनीष कश्यप की याचिका पर सुनवाई की।
मनीष कश्यप की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार करते हुए दोनों राज्यों में दर्ज अलग अलग मामलों को क्लब करने की मांग पर बिहार और तमिलनाडु पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले पर अब 21 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। बता दें कि तमिलनाडु की पुलिस ने मनीष कश्यप के खिलाफ एनएसए लगाया है। फिलहाल कश्यप 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में है। सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के कारण फिलहाल उन्हें जेल में ही रहना होगा।