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पाकिस्तान की ये है Z प्लस सुरक्षा!जब 'बुलेट प्रूफ बुरका' पहन कोर्ट पहुंचे इमरान खान

संवाद 

 भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान का भी हाल बेहाल है, वहां से ऐसी ऐसी खबरें सामने आती रहती हैं जिन्हें देखकर माथा पीटने का मन करता है, ताजा घटनाक्रम में एक वीडियो सामने आया है जिसमें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एंटी टेररिज्म कोर्ट में पेश होने जाते दिख रहे हैं और उनकी सिक्योरिटी का भी इंतजाम किया गया है।

इस दौरान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी कंधे के पीछे बुलेट प्रूफ बैलिस्टिक शील्ड लटकाए चलते दिखाई दे रहे हैं, और बैलिस्टिक शील्ड से इमरान खान को चारों तरफ से घेर कर रखा गया था, ये सारी कवायद इसलिए कि कहीं इमरान खान पर कोई अटैक ना कर दे, उनके अंदर एक खौफ दिखाई दे रहा था और उन्होंने खास सुरक्षा की मांग की थी।

इमरान बुलेट प्रूफ बुरके के साथ कोर्ट में हुए पेश

गौर हो कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान मंगलवार को लाहौर कोर्ट में पेशी के लिए गए थे, इमरान खान अपने सिर से कंधे तक एक गोल बुलेट प्रूफ कैप से खुद को ढके हुए थे वो बुलेट प्रूफ बुरके (bullet proof burqa ) के साथ कोर्ट में पेश हुए, सोशल मीडिया पर उनकी जेड प्लस सिक्योरिटी खूब वायरल हो रही है

इस वीडियो को इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तारीख ए इंसाफ (PTI) ने इसे अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है, इमरान खान की जमानत 13 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी गई है इमरान खान के अदालत में पेश होने के बाद जज ने कई मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री की जमानत अवधि बढ़ाने का आदेश जारी किया है।

इमरान पर वजीराबाद में लॉन्ग मार्च के दौरान हुआ था हमला

गौर हो कि पिछले साल नवंबर में इमरान खान पर वजीराबाद में लॉन्ग मार्च के दौरान हमला हुआ था इस दौरान इमरान खान के दाएं पैर में गोली लगी थी इस हमले में इमरान खान की जान बाल-बाल बची थी।इमरान खान दावा कर चुके हैं कि पाकिस्तान सरकार उनकी हत्या करवाना चाहती है। उन्होंने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी पर अपनी हत्या की साजिश रचने का भी आरोप लगाया था।

'पाकिस्तान के पास तुर्किये की राह पर चलने या एक और म्यांमा बनने के विकल्प बचे हैं'

पाकिस्तान की सेना पर नये सिरे से प्रहार करते हुए अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि देश के पास दो विकल्प बचे हैं--तुर्किये की राह पर चले, या एक और म्यांमा बन जाए।म्यांमा में, सेना ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित आंग सान सू ची की सरकार को 2021 में अपदस्थ कर दिया, जबकि तुर्किये में 2016 में राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की सरकार गिराने की खूनी सैन्य तख्तापलट की योजना लोगों के सड़कों पर उतरने और सत्ता में बदलाव का प्रतिरोध करने के बाद नाकाम हो गई थी।

'जहां हम तुर्किये जैसा हो सकते हैं या एक और म्यांमा बन सकते हैं'

पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के प्रमुख ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, 'आज हम अपने संवैधानिक इतिहास में एक अहम मोड़ पर खड़े हैं, जहां हम तुर्किये जैसा हो सकते हैं या एक और म्यांमा बन सकते हैं। हर किसी को यह फैसला करना चाहिए कि क्या वे उनकी पार्टी की तरह संविधान, कानून का शासन और लोकतंत्र के साथ हैं; या एक भ्रष्ट माफिया, जंगल राज और फासीवाद के साथ हैं।'

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