बिहार नगर निकाय चुनाव पर 15 मई को आ सकता है फैसला, हो सकता चुनाव रद्द। 1 मई हुआ हाइकोर्ट में सुनवाई, सरकार के महाधिवक्ता के बयान पर नाराजगी जाहिर किया। आपको बता दें नगर निकाय चुनाव ट्रिपल टेस्ट के कारण रद्द होकर फिर पुनः दूसरी बार होना लगभग तय आज माननीय न्यायालय हाई कोर्ट ने बिहार सरकार से कई सवाल किया की आपने कैसे 28 दिन में पूरे बिहार का सर्वे कैसे कर लिया ? दूसरा आयोग के सदस्य में राजनीति पार्टी के मेम्बर को क्यूं रखा जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश था की स्वतंत्र मेम्बर होना है। तीसरा ये डेडीकेटेड नहीं है क्यों की आपने खुद स्वीकार किया की जो पहले से आयोग था उसी को रिन्यू किया चौथा आपने ओबीसी को टच नहीं किया क्यों?पांचवा जब सुप्रीम कोर्ट ने इस आयोग को डेडीकेटेड मानने से इन्कार कर दिया फिर भी आपने चुनाव की घोषणा कर चुनाव कैसे करा दी ? आपने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश को पत्ते की तरह उड़ा दिया। 4 अक्टूबर के ऑर्डर में माननीय न्यायालय हाई कोर्ट का साफ जजमेंट है कि आपने अभी तक ट्रिपल टेस्ट नहीं किया तो सारे सीट को जेनरल कर चुनाव कराइए फिर आपने इस आदेश को क्यूं नहीं माना।