कंपनी की तरफ से शुरुआती महीनों में काम लिया गया और समय पर पैसे भी दिए.
अब नौ महीने से उन्हें न तो पैसा मिला है न आने दिया जा रहा है.पीड़ित परिवार का कहना है कि संपूर्ण भारतीय श्रमिकों का तनखाह बंद कर उनके पासपोर्ट भी जब्त कर लिए गए हैं. परिवारों की निंदा पर डीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए गृह विभाग और विदेश मंत्रालय को जानकारी अवगत कराया है.
नाइजीरिया में फंसे लोगों में ज्यादातर बिहार के गोपालगंज, सीवान, बेगूसराय, मधुबनी, मोतिहारी जिले के हैं. उसके अलावा झारखंड के पलामू, गढ़वा, यूपी के देवरिया, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, प्रतापगढ़, बलिया, बस्ती, गाजीपुर और आंध्र प्रदेश के भी कुछ श्रमिक सम्मिलित हैं. एक ही कंपनी में सारे श्रमिक काम कर रहे हैं.नाइजीरिया में फंसे लोगों में जगीरी टोला निवासी भेष नारायण सिंह, संतोष कुमार, राम विलास साह, इदरीश अंसारी, दीपक राय, उपेंद्र प्रसाद, कन्हैया शर्मा, गुप्ता काली लाल, तारकेश्वर राय, छोटेलाल चौधरी, मजीद अली आदि सम्मिलित हैं. और वहीं, सीवान के ब्यास यादव और मुन्ना कुमार भी सम्मिलित हैं.