इसकी तैयारी प्रारंभ हो गई है,
पहले मैं आधे घंटे तक गाड़ी में बैठकर सफर नहीं कर पाता था लेकिन अब मैं बिहार के दौरा कर रहा हूं. मधेपुरा, पूर्णिया में आने जाने में 8 से 10 घंटा लगता है अब वह भी करना प्रारंभ कर दिया हूं. मधेपुरा और पूर्णिया में जिस तरीके से लोगों का समर्थन मिल रहा है उससे गर्व अनुभूत हो रहा है.रेलवे स्टेशन पर राजीव प्रताप रूडी सभा को संबोधित कर रहे थे. इस बीच एक ट्रेन वहां से गुजरी, जिसमें भारी संख्या में बिहार के मजदूर दूसरे प्रदेश के लिए जा रहे थे. इसे देखकर राजीव प्रताप रूडी ने लोगों से बोला कि आपने देखा ट्रेन के अंदर कैसे एक-दूसरे पर लगकर लोग जा रहे हैं, यही अवस्था और दशा है बिहार का पिछले 65 वर्षों से है. कोई व्यक्ति पंजाब, गुजरात, मुंबई से आता है तो गर्व से कहता है कि मैं पंजाबी हूं, गुजराती हूं और मुंबई से आया हूं लेकिन कोई व्यक्ति बिहार से पंजाब, गुजरात, मुंबई जाता है तो भय से नहीं बोलता है कि मैं बिहारी हूं. इस झगड़ा को लेकर मैं बिहार में उतर गया हूं और आने वाले वक्त में बिहार के लोगों के प्रगति के लिए कार्य करूंगा.