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हम लोग जान दे देंगे…', दुर्गा मंदिर को बचाने के लिए अशोक राजपथ में धरना जारी, जानिए BJP-JDU ने क्या बोला

संवाद 


बिहार में करीब एक महीने तक बाबा बागेश्वर (Baba Bageshwar) पर राजनीति होती रही तो अब दुर्गा मंदिर पर प्रारंभ हो गई. 300 साल पुराने दुर्गा मंदिर को लेकर बीजेपी और महागठबंधन की ओर से जिक्रबाजी हो रही है. अशोक राजपथ स्थित पटना कॉलेज के सामने डबल डेकर पुल का निर्माण हो रहा है, इसलिए एक दुर्गा मंदिर को तोड़ने का निर्देश जारी हुआ है. स्थानीय लोग, पटना कॉलेज के छात्र बैनर पोस्टर लेकर धरने पर बैठ गए हैं. दुर्गा मंदिर के संरक्षक अभय सिंह भी अनशन पर हैं.इस मंदिर को लेकर स्थानीय लोगों ने बोला कि हम लोग जान दे देंगे लेकिन मंदिर नहीं टूटने देंगे. बिहार सरकार हमलोगों की श्रद्धा के साथ खिलवाड़ कर रही है. 

मुख्य समुदाय को खुश करने के लिए मंदिर तोड़ा जाएगा. 

यहां पर खुदा बख्श लाइब्रेरी, अंजुमन इस्लामिया हॉल, चर्च है. इसको क्यों नहीं तोड़ा जा रहा है? पुल निर्माण को लेकर क्या सिर्फ दुर्गा मंदिर बाधक है? हम लोग आर पार की लड़ाई के मूड में हैं. बता दें कि इस क्षेत्र में खास समुदाय के लोग भी रहते हैं.धरना पर बैठे लोगों का बोलना है कि नीतीश-लालू पटना कॉलेज में पढ़ते थे. छात्र नेता थे और इसी मंदिर में आशीर्वाद लेने आते थे. अब इसी मंदिर को तोड़ना चाहते हैं. हम लोग प्रगति के काम का मतभेद नहीं कर रहे हैं, लेकिन मंदिर भी नहीं टूटने देंगे. पुल भी बने. संरक्षक अभय सिंह ने बोला कि अंग्रेज भी इस मंदिर को हटाना चाहते थे लेकिन यहां के लोगों की श्रध्दा देखते हुए नहीं हटाया गया. पटना कॉलेज के छात्रों ने बोला कि अगर मंदिर टूटेगा तो सड़कों पर खून बहेगा. नीतीश-लालू इस मंदिर में आशीर्वाद लेने आते थे. अब चुप्पी साधे हुए हैं. जेडीयू के खास प्रवक्ता नीरज कुमार ने बोला कि किसी दूसरे सक्षम स्थान पर मंदिर को बनवा दिया जाएगा. सरकार अपने हिसाब से कार कर रही है. सरकारी जमीन पर मंदिर है. वहां पुल बनना है. जब बिहार में एनडीए की सरकार थी तो बीजेपी कोटे के मंत्री नितिन नवीन ही पथ निर्माण मंत्री थे. इन्होंने ही मंदिर तोड़ने का निर्देश पारित किया था. अब इसी मामले पर बीजेपी सियासत कर रही है.एनडीए सरकार में पथ निर्माण मंत्री रहे एवं बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने पूरे मामले पर सफाई देते हुए बोला कि यह जनता जानती है कि मंदिर तोड़वाने और मस्जिद बनवाने वाले कौन लोग हैं. यही महागठबंधन की संस्कृति रही है. यह लोग हम पर क्यों बयान दे रहे हैं? प्रगति के कार्य में कभी भी मस्जिद बाधक बनी तो महागठबंधन ने मस्जिद बचाने का काम किया. तुष्टिकरण की सियासत की. प्रगति के नाम पर महागठबंधन सरकार दुर्गा मंदिर तोड़ रही है. डबल डेकर पुल बनना है. प्रगति का काम होना था इसलिए हमने निर्देश दिया था कि किसी दूसरी स्थान मंदिर को बनवा दिया जाए. अशोक राजपथ पर ही पुल बनाने के नाम पर राधा कृष्ण मंदिर को भी तोड़ा जाना है. हम लोगों ने इसका भी मतभेद किया.अशोक राजपथ पर ही खुदा बख्श लाइब्रेरी, अंजुमन इस्लामिया हॉल है. इसको तो सरकार बचा रही है. बिहार में जहां-जहां रास्ते पर मजार है वहां पर पुल बनाने का कार्य नहीं हो रहा है. दुर्गा मंदिर तोड़े जाने के मामले पर हम लोग तो वहां के लोगों के साथ हैं. बीजेपी अनुमोदन करेगी.

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