भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पहले विधायक जवाहर प्रसाद (Jawahar Prasad) की जमानत याचिका को सासाराम के अदालत ने खारिज कर दिया है. सासाराम के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कचहरी ने आज उनके जमानत की अपील को खारिज किया है. 29 अप्रैल को विधायक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. इस विषय में विधायक द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में जमानत के लिए अपील लगाई थी. वहीं, सासाराम हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए पहले विधायक जवाहर प्रसाद को लेकर बीजेपी नीतीश सरकार को बार बार घेर रही है और कई कठिन इल्ज़ाम भी लगा रही है.सासाराम के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कचहरी ने पहले विधायक जवाहर प्रसाद के जमानत को खारिज कर दिया. वहीं, इस विषय में रोहतास की पुलिस ने धारा 302 भी संकलित करने के लिए कोर्ट से विनती किया था, उसके बाद धारा 302 को भी उसी माजरा में समाहित कर लिया गया.
ऐसे में अब पहले विधायक की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.
जमानत रद्द होने के बाद अब इन्हें वरीय कोर्ट के शरण में जाना होगा.बता दें कि इस माजरा में पहले के कई अभियुक्तों को जमानत दे दी गई थी लेकिन अब जबकि धारा 302 समाहित कर दिया गया है, तो जिन-जिन लोगों का इस माजरा में जमानत मिल चुकी है, उन दोषारोपण के जमानत को रद्द करने के लिए भी अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में आवेदन दिया था, जिसके बाद कोर्ट ने सभी की बेल रद्द कर दिया है. और इसी वक्त सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी. इस वक्त कई लोग जख्मी हो गए थे. वहीं, इस माजरा में पुलिस ने 41 नामजद सहित 500 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया था. और बता दे कि पुलिस इस माजरे में बीजेपी के पहले विधायक जवाहर प्रसाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.